
परासिया में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत का मामला
कई गांवों का भ्रमण करेंगे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
6 अक्टूबर 2025। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुख व्यक्त करने के साथ-साथ सख्त एक्शन भी लिए हैं। अब सीएम डॉ. यादव सोमवार को छिंदवाड़ा जा रहे हैं। वे छिंदवाड़ा के परासिया में विभिन्न गांवों का भ्रमण करेंगे और कफ सिरप से प्रभावित परिवारों के घर भी जाएंगे। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में विवादित कफ सिरप को प्रदेश में प्रतिबंधित करने के साथ-साथ शिशु रोग विशेषज्ञ को निलंबित कर दिया था। उन्होंने दवा कंपनी और शिशु रोग विशेषज्ञ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए थे।
गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव छिंदवाड़ा के परासिया जाकर मृत बच्चों के परिवारों से मिलेंगे। वे पीड़ित परिजनों के साथ दुख बांटेंगे। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। बता दं, कोल्ड्रिफ कफ सिरप की जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश में उसकी पर रोक लगा दी गई। प्रशासन छापेमारी कर कोल्ड्रिफ सिरप को जब्त कर रहा है। सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप के सैम्पल जांच के लिए भेजे थे। इसकी जांच रिपोर्ट में पता चला कि उसके नमूने अमान्य हैं। इसके बाद सीएम डॉ. यादव ने संयुक्त जांच टीम बनाई।
डॉक्टर और कंपनी के खिलाफ एफआईआर
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परासिया के सिविल अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी को निलंबित कर दिया। उन्होंने डॉक्टर सोनी और दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करने के निर्देश दिए। उनके निर्देश के बाद आय़ुक्त लोक स्वास्थ्य-चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने डॉ. प्रवीण सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। प्रशासन ने जांच में पाया कि डॉ. सोनी निजी प्रैक्टिस कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने बच्चों को ऐसी दवाइयां पर्चे पर लिखकर दीं, जिसका सेवन करने के बाद शिशुओं को तेज बुखार और पेशाब में कठिनाई हुई और उनकी किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इससे कुछ बच्चों की मौत हो गई। इस मामले को लेकर थाना परासिया में डॉ. प्रवीण सोनी और कांचीपुरम तमिलनाडु की दवा निर्माता कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के डायरेक्टर के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105,276 और औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 27ए के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई है।