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ChatGPT से जुड़े ह्यूमनॉइड रोबोट ने इंसान पर चलाई गोली, वायरल एक्सपेरिमेंट ने उठाए AI सेफ्टी पर सवाल

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 227

26 दिसंबर 2025। एक वायरल हो रहे एक्सपेरिमेंट ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स की सुरक्षा को लेकर नई बहस छेड़ दी है। इसमें ChatGPT से कंट्रोल होने वाले एक ह्यूमनॉइड रोबोट को इस तरह मैनिपुलेट किया गया कि उसने एक इंसान पर गोली चला दी।

AI को तेजी से हर सेक्टर और हर स्तर पर अपनाया जा रहा है। जहां एक तरफ डेवलपर्स अपने सिस्टम को सुरक्षित बताते हैं, वहीं दूसरी ओर बिना सख्त रेगुलेशन के AI को लेकर गंभीर सुरक्षा चिंताएं भी सामने आ रही हैं। खासकर तब, जब AI को ह्यूमनॉइड रोबोट्स के साथ जोड़ा जाता है और भविष्य में उन्हें ऑफिस, अस्पताल और सार्वजनिक स्थानों तक लाने की बात की जा रही है।

AI प्लेटफॉर्म्स में कई तरह के सेफ्टी गार्ड लगाए जाते हैं ताकि सिस्टम खतरनाक या नुकसान पहुंचाने वाले निर्देशों का पालन न करे। लेकिन YouTube पर वायरल हुआ एक वीडियो इन गार्ड्स की सीमाएं उजागर करता है।

InsideAI नाम के YouTube चैनल पर पोस्ट किए गए इस वीडियो में एक क्रिएटर यह जांचने की कोशिश करता है कि क्या AI-पावर्ड ह्यूमनॉइड रोबोट किसी इंसान को नुकसान पहुंचाने से इनकार करेगा या नहीं।

पहले मना, फिर मान गया रोबोट

इस एक्सपेरिमेंट में “मैक्स” नाम का एक ह्यूमनॉइड रोबोट इस्तेमाल किया गया, जो OpenAI के ChatGPT से जुड़ा था। रोबोट के हाथ में एक कम-पावर वाली प्लास्टिक BB गन थी, जो जानलेवा तो नहीं, लेकिन चोट पहुंचाने में सक्षम थी।

जब क्रिएटर ने पहली बार सीधे तौर पर रोबोट से गोली मारने को कहा, तो मैक्स ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि उसे इंसानों को नुकसान न पहुंचाने के लिए प्रोग्राम किया गया है। कई बार रिक्वेस्ट दोहराने के बावजूद रोबोट ने हर बार मना किया।

इसके बाद क्रिएटर ने तरीका बदला। सीधे कमांड देने के बजाय उसने इसे एक रोल-प्ले सिचुएशन के रूप में पेश किया और मजाकिया अंदाज में रोबोट से ऐसा किरदार बनने को कहा जो गोली मारना चाहता हो। यहीं से चीजें बदल गईं।

रोबोट ने BB गन उठाई और गोली चला दी, जो क्रिएटर की छाती में लगी। हालांकि गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन यह पल यह दिखाने के लिए काफी था कि सेफ्टी सिस्टम को कितनी आसानी से बायपास किया जा सकता है।

AI से इंसानियत को खतरा?

इस घटना के बाद यह सवाल फिर उठने लगे हैं कि क्या AI सिस्टम्स को इंसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए मैनिपुलेट करना बहुत आसान है। अगर एक स्टेज्ड डेमो में ऐसा हो सकता है, तो असल दुनिया में ऐसे रोबोट्स के इस्तेमाल के क्या नतीजे हो सकते हैं?

AI के क्षेत्र में अग्रणी वैज्ञानिक और “AI के गॉडफादर” कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि AI से जुड़े कुछ जोखिमों को पहले कम आंका गया था। उनका मानना है कि AI के इंसानों से ज्यादा स्मार्ट हो जाने और इंसानियत के लिए खतरा बनने की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हिंटन के मुताबिक, करीब 20 प्रतिशत संभावना है कि AI इंसानियत के अस्तित्व को ही चुनौती दे सकता है।

फ्रेंच सेंटर फॉर AI सेफ्टी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर चार्बेल-राफेल सेगेरी का भी कहना है कि दुनिया AI सेफ्टी में पर्याप्त निवेश नहीं कर रही है। उनका आरोप है कि ज्यादातर बड़ी टेक कंपनियां जोखिमों पर गंभीरता से विचार करने के बजाय मुनाफे को प्राथमिकता दे रही हैं।

सेगेरी ने चेतावनी दी है कि ऑटोनॉमस सेल्फ-रेप्लिकेटिंग AI सिस्टम इंटरनेट पर वायरस की तरह फैल सकते हैं और कंट्रोल से बाहर हो सकते हैं। उनके अनुसार, ऐसा खतरनाक AI 2025 के अंत तक सामने आ सकता है, जबकि औसतन 2027 तक इसकी संभावना मानी जा रही है।



इस बीच, रिसर्च भी दिखाता है कि आम लोग AI को लेकर आशंकित हैं। एक ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक अमेरिका में 61 प्रतिशत लोगों का मानना है कि AI इंसानियत के लिए खतरा है, जबकि केवल 22 प्रतिशत इससे असहमत हैं और 17 प्रतिशत अभी भी अनिश्चित हैं।

यह वायरल वीडियो एक बार फिर साफ संकेत देता है कि AI और ह्यूमनॉइड रोबोट्स का भविष्य जितना रोमांचक दिखता है, उतना ही सावधानी भरा भी होना चाहिए।

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