21 अगस्त 2017। प्रदेश के जल संसाधन विभाग के अंतर्गत संचालित सिंचाई परियोजनाओं में लगने वाले पाईपों का अब उसके निर्माण वाली फैक्ट्री में जाकर निरीक्षण होगा। इस संबंध में विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं, अधीक्षण यंत्रियों तथा कार्यपालन अधिकारियों को ताकीद कर दिया गया है।
उक्त अधिकारियों से राज्य सरकार द्वारा भेजी गई हिदायत में कहा गया है कि प्राय: समस्त संरचनाओं में निर्माणाधीन योजनाओं में उपयोग किये जाने वाले पाइपों के गुणवत्ता संबंधी कोई परीक्षण अपने स्तर से न करते हुये ठेकेदार द्वारा प्रस्तुत टेस्ट परिणामों को ही मान्य कर भुगतान किया जाता है। कई स्थानों पर सिंचाई हेतु संचालन के दौरान एक-दो वर्षों के भीतर ही इन पाइपों के टूटकर नहरों के क्षतिग्रस्त होने के प्रकरण सामने आये हैं जिनमें नहर संचालन में कठिनाई के साथ-साथ विभाग की छबि भी धूमिल हुई है।
इसलिये निर्माणाधीन योजनाओं में प्रयुक्त होने वाले पाइपों के कार्यस्थल की विशिष्ट आवश्यक्ताओं के अनुसार एवं अतन आईएस कोड्स आदि के आधार पर डिजायन अंतिम किया जाये। उसके पश्चात इन पाइपों के निर्माण के समय ही संबंधित अधिकारी फैक्ट्ररी में पाइप निर्माण स्ािल पर स्वयं उपस्थित होकर तैयार किये जा रहे पाइप के उत्पादन तथा उसमें संधारित की जा रही गुणवत्ता बाबत अद्यतन मापदण्डों के अनुसार अपने स्तर पर पूर्ण संतुष्ट होने के उपरान्त ही उन पाईपों को कार्यस्थल पर परिवहन तथा लगाये जाने की अनुमति दें। साथ ही फैक्ट्री से तत्संबंधी प्रमाण-पत्र प्राप्त अभिलेखों में संधारित करना सुनिश्चित करें। इस प्रकार पूर्ण संतुष्टि उपरान्त ही इन पाइपों को निर्माण कार्य में उपयोग किया जाये।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पांच पहले ठेकेदारों को पाइप और सीमेंट का प्रदाय विभाग ही लघु उद्योग निगम के माध्यम से करता था जिसमें कई बार विलम्ब हो जाता था और निर्माण कार्य प्रभावित होता था। इसलिये ठेकेदारों को ही इन दोनों सामग्रियों के स्वयं प्रबंध करने का प्रावधान कर दिया था। हाल ही में हलाली परियोजना में लगे पाइपों को जल्द खराब होने का मामला प्रकाश में आया है जिसके कारण अब यह नया सर्कुलर जारी करना पड़ा है।
सिंचाई परियोजना में लगने वाले पाइपों का अब फैक्ट्री में जाकर निरीक्षण होगा
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Bhopal 👤By: DD Views: 18044
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