प्रत्येक गैस पीड़ित का बनेगा स्मार्ट कार्ड

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Place: भोपाल                                                👤By: Admin                                                                Views: 18486

गैस पीड़ित अस्पताल होंगे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल

राज्य मंत्री विश्वास सारंग द्वारा अगले तीन माह की कार्य-योजना की समीक्षा



भोपाल 10 सितम्बर 2016। गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास तथा सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग ने कहा है।

प्रत्येक गैस पीड़ित का स्मार्ट कार्ड बनाया जायेगा, जिसमें उसके इलाज संबंधी सारी जानकारी संकलित रहेगी। उन्होंने कहा कि गैस पीड़ितों के आर्थिक, सामाजिक विकास और स्वास्थ्य के संबंध में अगले तीन माह की कार्य-योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि गैस पीड़ितों के लिये बने अस्पतालों को सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल बनाया जायेगा। श्री सारंग आज गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती गौरी सिंह, संचालक कृष्ण गोपाल तिवारी एवं संचालक कमला नेहरू हास्पिटल के.के. दुबे उपस्थित थे।



श्री विश्वास सारंग ने कहा कि उन्होंने प्रथम विभागीय समीक्षा में अगले तीन माह की कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिये थे। कार्य-योजना के अनुसार यह तय किया गया है कि सभी गैस पीड़ितों का स्मार्ट कार्ड बनाया जायेगा, जिसमें उनकी बीमारी से संबंधी सारी जानकारी होगी। इसके आधार पर स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास रणनीति बनाने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि भोपाल में स्थापित गैस पीड़ितों के अस्पतालों को अत्याधुनिक बनाने के साथ ही चिकित्सा सेवा की दृष्टि से स्पेशियलिटी प्रदान की जायेगी और चिकित्सालय से किसी एक बीमारी की विशेषज्ञ सेवाएँ गैस पीड़ितों को दी जायेगी। उन्होंने कहा कि आँख, साँस, ट्रामा सेन्टर, विश्व स्तर का ब्लड बैंक कार्य-योजना में शामिल है। उन्होंने कहा‍कि गैस पीड़ितों के सभी पक्ष का सर्वे किया गया है, इसके बाद अगले एक माह में उसके आधार पर योजनाएँ क्रियान्वित होंगी। हर चिकित्सालय की डीपीआर बनाई जायेगी और उसमें भविष्य की प्रस्तावित योजना को समाहित किया जायेगा। अस्पताल में अत्याधुनिक जाँच जैसे एमआरआई, सिटी स्केन, पेट सिटी, कलर डॉपलर, मेगोग्राफी की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये सीजीएसएच के आधार पर आउटसोर्सिंग की जायेगी।



श्री सारंग ने बताया कि कमला नेहरू हास्पिटल में आँखों का इलाज, डायलिसिस, आईसीयू, पैथालॉजी और सर्जरी की व्यवस्था की जायेगी। साथ ही मरीजों की जरूरत को देखते हुए बिस्तरों की संख्या भी बढ़ाई जायेगी।



गैस पीड़ितों के आर्थिक पुनर्वास के लिये गैस पीड़ितों के पुत्र-पुत्रियों को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के साथ ही उनके लिये फ्लेटेड इंडस्ट्रीज बनाई जायेगी, जिससे प्रभावित अपना रोजगार शुरू करेंगे। इस संबंध में डीआईसी को शीघ्र ही योजना बनाने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि गैस पीड़ित विधवाओं को 5 साल के लिये एक हजार रूपये पेंशन की अवधि समाप्त हो रही है। इसे अगले 5 साल बढ़ाने के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा। गैस प्रभावित क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्हलपमेन्ट और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। नाली, रोड सहित अन्य निर्माण कार्य के संबंध में एक प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा।

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