
4 मई 2025। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान निरंतर चिकित्सा सेवाओं में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। हाल ही में, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के अंतर्गत डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए एम्स भोपाल ने देशभर में ओपीडी पंजीकरण की काग़ज़ रहित और कतार रहित प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करने वाले अस्पतालों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। यह रैंकिंग भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा जारी की गई है, जिसके अनुसार एम्स भोपाल ने स्कैन एंड शेयर सेवा के माध्यम से 14.5 लाख से अधिक ओपीडी टोकन जनरेट किए हैं। इस सूची में एम्स नई दिल्ली पहले स्थान पर है। स्कैन एंड शेयर सेवा मरीजों को पारंपरिक पंजीकरण प्रक्रिया से राहत प्रदान करती है, जिसमें अब उन्हें रजिस्ट्रेशन काउंटर की कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होती। मरीज अस्पताल परिसर में उपलब्ध क्यूआर (QR) कोड को अपने स्मार्टफोन से स्कैन कर तुरंत ओपीडी टोकन प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रणाली न केवल समय की बचत करती है, बल्कि अस्पतालों में भीड़ को भी कम करती है, जिससे मरीजों को तेज़, सहज और सुविधाजनक अनुभव मिलता है।
इस सफलता पर प्रो. सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह उपलब्धि एम्स भोपाल के लिए गर्व का क्षण है एवं संस्थान द्वारा स्वास्थ्य सेवा में डिजिटल परिवर्तन लाने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। स्कैन एंड शेयर सेवा ने हमारे मरीजों के लिए प्रतीक्षा समय को काफी कम किया है और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाया है। देशभर में ओपीडी टोकन जनरेट करने में दूसरा स्थान प्राप्त करना हमारे सभी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और तकनीकी नवाचारों को अपनाने की भावना का परिणाम है।”