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भोपाल को आम के स्वाद से सराबोर करने आया नाबार्ड का आम महोत्सव 8.0

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1063

10 जून 010, 2025। मध्य प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय के सहयोग से आदिवासी किसानों द्वारा स्थापित की गई राज्य के आदिवासी परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के तथा नाबार्ड द्वारा समर्थित वाडियों से उत्पादित आमों को विपणन हेतु एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से नाबार्ड द्वारा 10 से 14 जून 2025 तक आम महोत्सव 8.0 का आयोजन किया जा रहा है। आम महोत्सव का शुभारंभ दिनांक 10 जून 2024 को मुख्य महाप्रबंधक श्रीमती सी सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि सुश्री रेखा चंदनावेली, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक रही है। साथ ही श्री मनोज पुष्प, आरसीएस एवं श्री तरसेम सिंह जीरा- संयोजक, एसएलबीसी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

आम महोत्सव 8.0 का शुभारंभ एक विशेष कार्यक्रम के साथ हुआ। भारतीय परंपरा के अनुसार अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

अपने स्वागत सम्बोधन में श्रीमती सी. सरस्वती, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने अतिथियों का स्वागत किया इसके साथ ही साथ परियोजना को वित्तपोषित करने वाली एजेंसियों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत एक बहुसंस्कृति की पालना करने वाला देश है और आम के मौसम भी किसी त्योहार की तरह मनाया जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि हमारे देश में साल भर अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग फल सेवन हेतु उपलब्ध रहते हैं। आम ग्राहकों के लिए गुणवततापूर्ण स्वादिष्ट फल के साथ ही साथ इसे उगाने वाले किसानों के लिए आय अर्जन का महत्वपूर्ण साधन भी है। नाबार्ड की ये परियोजनाएं आदिवासी परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। इस परियोजना के अंतर्गत लाभार्थियों के समग्र विकास का ध्यान रखा जाता है। नाबार्ड की परियोजना में वाडी के साथ ही साथ सब्जियों तथा अन्य फसलों के पौधे भी उपलब्ध करवाए जाते हैं ताकि परियोजना की शुरुआत से ही किसानों की में वृद्धि शुरू हो जाए।इस निधि के तहत, नाबार्ड के द्वारा मध्य प्रदेश में अब तक 102 परियोजनाएं स्वीकृत कर लगभग 73,875 एकड़ में वाडियों की स्थापना की है। इन परियोजनाओं से 78126 से अधिक परिवारों को लाभ पहुंचा है एवं परियोजना के माध्यम से आदिवासी किसान अपने खेतों पर विभिन्न बागवानी, कृषि और कृषि वानिकी गतिविधियों को अपनाकर अपनी पारिवारिक आय बढ़ाने में सक्षम हुए हैं जिससे परियोजना क्षेत्र में रोजगार के लिए होने वाले पलायन को रोकने में मदद मिली है।

यह महोत्सव राज्य स्तर के साथ ही साथ जिला स्तर पर भी आयोजित किया जा रहा है जिसमें छिंदवाड़ा और रीवा शामिल हैं। इस अवसर पर सबसे वजनी आम नूरजहाँ भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा। जीआई टैग प्राप्त सुंदरजा के अतिरिक्त आम्रपाली, केसर, लंगड़ा, दशहरी, तोतापुरी, राजापुरी भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे। आम की गाडियाँ बैंकों की विभिन्न कॉलोनियों में भी विजिट करेगी।

श्री तरसेम सिंह जीरा, महाप्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया एवं संयोजक एसएलबीसी ने नाबार्ड की इस पहल को सफल एवं ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण कदम बताया। वाडी जैसी परियोजनायें ग्रामीण अर्थव्यत में संवृद्ध का सूचक हैं। उन्होंने इस बात के लिए नाबार्ड का आभार व्यक्त किया कि नाबार्ड किसान, आत्मनिर्भर होने एवं उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करने में अपनी भूमिका बखूबी निभा रहा है। शहरवासी इस महोत्सव का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

मनोज पुष्प, पंजीयक सहकारी समितियां, मध्य प्रदेश सरकार ने इसे सांकेतिक आयोजन बताया जिसका उद्देश्य आदिवासी किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण के माध्यम से उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। उन्होंने नाबार्ड की इस पहल को सफल बताते हुए राज्य की अन्य फल आधारित फसलों के लिए भी ऐसे आयोजनों की आवश्यकता पर बल दिया। संतरों, मसालों तथा ऐसे अन्य फसलों के लिए भी इस प्रकार के आयोजन के लिए संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं। नाबार्ड की इस पहल से ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक संवृद्धि के साथ ही साथ फलों के सेवन से उनकी पोषण की आवश्यकता भी पूर्ण हुई हो रही है। अन्य शब्दों में कहें तो स्वस्थ ग्रामीण भारत के निर्माण में भी नाबार्ड की इन परियोजनाओं ने अपनी भूमिका निभाई है। किसी परियोजना के साथ नाबार्ड का नाम जुडने का अर्थ है कि उसकी सफलता सुनिश्चित होना। आस-पास के राज्यों की मंडियों से मार्केट लिंक कर किसानों को आर्थिक तरक्की के रास्ते पर लाया जा सकता है।सुश्री रेखा चंदनावेली, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम महोत्सव को सफल बनाने के लिए उपस्थित अतिथियों और शहरवासियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए नाबार्ड की प्रतिबद्धता की सराहना की। वित्तीय समावेशन में आरबीआई और नाबार्ड दोनों सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

इस अवसर पर गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि पवन पाटीदार जी ने नाबार्ड की इस पहल की सराहना की उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से किसानों का आत्मविश्वास बढ़ने के साथ उनकी आर्थिक तरक्की भी होती है। इस अवसर पर वाडी के लाभार्थियों ने भी अपनी सफलता की कहानियों से कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को अवगत कराया।

इस अवसर पर आदिवासी परिवारों द्वारा उत्पादित आमों की बिक्री हेतु लगाए गए स्टालों का उद्घाटन और फल वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। ये फल वाहन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में आम लेकर बिक्री हेतु जाएंगे। आम महोत्सव के दौरान आमों की किस्में जैसे केसर, चौसा, लंगड़ा, आम्रपाली, दशहरी, जीआई प्राप्त सुंदरजा और नूरजहाँ आदि विक्रय हेतु 10 से 14 जून, 2025 तक उपलब्ध रहेंगी। आमों के स्टाल नाबार्ड, मध्य प्रदेश क्षेत्रीय कार्यालय, बिट्टन मार्केट में लगाए गए हैं। सभी शहरवासी कार्बाईड मुक्त और प्राकृतिक तरीके से पके हुए आम के स्वाद चखने के लिए आमंत्रित हैं।

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