
15 जुलाई 2025। भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच ने साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पिछले एक वर्ष में 363 से अधिक फर्जी सिम कार्ड को ब्लॉक कराया है। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल डिजिटल गिरफ्तारी, ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड, क्रिप्टो स्कैम और फर्जी नौकरी के बहाने ठगी जैसे मामलों में किया गया था।
जाली दस्तावेजों से सिम एक्टिवेशन
साइबर ब्रांच के मुताबिक, ठगों ने इन सिम कार्ड्स को फर्जी आधार और पहचान पत्रों के जरिए एक्टिवेट किया था। बाद में इन्हें टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से साइबर गिरोहों को बेचा गया। ये गिरोह देशभर में, खासकर उत्तर प्रदेश, एनसीआर और झारखंड से संचालित हो रहे थे।
एनसीआरपी से सहयोग
साइबर ब्रांच को जब भी लोगों से ठगी की शिकायतें मिलती थीं, वे मोबाइल नंबरों की जानकारी नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) को भेजते थे। इसके आधार पर संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाताओं से संपर्क कर 3 से 5 दिन के भीतर नंबरों को ब्लॉक करा दिया जाता था।
खच्चर खातों और कॉल मॉनिटरिंग पर नजर
एडिशनल डीसीपी (क्राइम) शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि फर्जी कॉल्स में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों और ‘म्यूल अकाउंट’ (खच्चर बैंक खातों) की निगरानी भी की जा रही है।
जनता से अपील
अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें किसी संदिग्ध कॉल से ठगी का संदेह हो, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1903 पर इसकी सूचना दें। इसके साथ ही मोबाइल सेवा प्रदाताओं को भी सलाह दी गई है कि वे बार-बार धोखाधड़ी में इस्तेमाल हो रहे नंबरों की पहचान कर उन्हें समय रहते ब्लॉक करें।