
7 फरवरी 2025। मशहूर अभिनेता पंकज कपूर ने स्व-सेंसरशिप की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हर व्यक्ति को खुद तय करना चाहिए कि उसे क्या देखना है। करमचंद के नाम से मशहूर हुए कपूर शुक्रवार को भोपाल में इंडीमून्स आर्ट्स फेस्टिवल में अपने नाटक दोपहरी की प्रस्तुति देने पहुंचे।
गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इंटरनेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में किसी भी अधिकारी के लिए ऑनलाइन उपलब्ध सामग्री को सेंसर करना संभव नहीं है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, "आपके पास टीवी का रिमोट और मोबाइल फोन है, आप अपनी मानसिकता, परवरिश और पसंद के आधार पर तय करें कि आपको क्या देखना है।"
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हिंसा और अश्लीलता को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि दर्शकों के बजाय कंटेंट क्रिएटर्स को खुद ही अपनी सामग्री पर स्व-सेंसरशिप लागू करनी चाहिए।
फिल्म निर्माण में आधुनिक तकनीक के प्रभाव पर चर्चा करते हुए कपूर ने कहा कि मूलभूत चीजें वही रहती हैं—एक अच्छी कहानी, बेहतरीन पटकथा और शानदार अभिनय। उन्होंने यह भी कहा कि किसी फिल्म को विवादास्पद बनाना उसकी सफलता की गारंटी नहीं देता।
स्टैंड-अप कॉमेडी को लेकर हालिया विवादों पर उन्होंने कहा, "कहीं न कहीं एक सीमा तो खींचनी ही होगी। आप लगातार नीचे नहीं गिर सकते, किसी बिंदु पर रुकना ही पड़ेगा।"
सैकड़ों करोड़ की लागत से बनने वाली फिल्मों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि निर्माता दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने के लिए भव्य सेट और बड़े पर्दे का अनुभव बेचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "वे ऐसी फिल्में बनाना चाहते हैं, जिनका असली मजा केवल बड़े पर्दे पर ही लिया जा सके।"