मैट्रिमोनियल साइट्स से हुए हर पांचवें विवाह का अंजाम पारिवारिक न्यायालय में

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 233

भावनात्मक मेल नहीं, केवल प्रोफाइल से रिश्ता तय करने की कीमत चुका रहे हैं जोड़े

21 अप्रैल 2025। डिजिटल युग में रिश्तों की शुरुआत भले ही एक क्लिक से हो रही हो, लेकिन उनका अंत पारिवारिक न्यायालय की दहलीज़ पर होता दिखाई दे रहा है। भोपाल जिला पारिवारिक न्यायालय में दर्ज होने वाले वैवाहिक विवादों में से हर पाँचवां मामला उन शादियों से जुड़ा है, जो लोकप्रिय मैट्रिमोनियल वेबसाइट्स के जरिए तय हुई थीं।

इन साइट्स पर जोड़े शारीरिक, शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से तो एक-दूसरे के लिए उपयुक्त दिखते हैं, लेकिन भावनात्मक और मानसिक अनुकूलता का आकलन कहीं नहीं हो पाता — और यहीं से रिश्तों में दरार की शुरुआत होती है।

केस 1: परफेक्ट प्रोफाइल, लेकिन रिश्तों में दरार
भोपाल के व्यवसायी और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट महिला की शादी वेबसाइट पर तय हुई थी। तीन साल में ही महिला का लगाव किसी और से हो गया और पति ने तलाक की अर्जी दे दी।

केस 2: 12 साल पुराना रिश्ता टूटा
लखनऊ की महिला और भोपाल के व्यवसायी की शादी 2012 में मैट्रिमोनियल साइट से हुई थी। बेटी भी हुई, लेकिन महिला के विवाहेतर संबंधों के कारण रिश्ता खत्म हुआ।

केस 3: अमेरिका से लौटे दूल्हे की दिल्ली में टूटी शादी
एक आईटी इंजीनियर, जो अमेरिका में कार्यरत था, अपनी शादी के लिए भारत लौटा। मैट्रिमोनियल साइट पर दिल्ली की एक एमबीए लड़की से बात हुई और परिवार की सहमति से शादी हो गई।
शादी के कुछ महीनों बाद पत्नी को संयुक्त राज्य में जाकर बसने में रुचि नहीं थी। दोनों के विचार और जीवनशैली में बड़ा फर्क था। तनाव बढ़ा, और पत्नी ने वापस भारत लौटकर तलाक की अर्जी दी।

केस 4: शादी से पहले की तस्वीरें बनी ब्लैकमेल का ज़रिया
इंदौर की एक शिक्षिका की शादी मैट्रिमोनियल साइट के ज़रिए एक बैंक मैनेजर से तय हुई। बात आगे बढ़ी, तो दोनों ने निजी तस्वीरें साझा कीं। बाद में रिश्ता टूटा और पुरुष ने उन्हीं तस्वीरों का दुरुपयोग कर ब्लैकमेल करने की कोशिश की। मामला पुलिस और अदालत तक गया।

केस 5: माता-पिता ने पसंद की, लेकिन लड़की को मानसिक शोषण सहना पड़ा
ग्वालियर की एक लड़की की शादी पुणे के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से तय की गई थी। दोनों के प्रोफाइल एकदम ‘संपूर्ण’ थे — जाति, शिक्षा, आमदनी सब मेल खाता था।
शादी के बाद सामने आया कि पति बहुत ही नियंत्रक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाला था। लड़की ने डेढ़ साल तक सब सहा, लेकिन जब घरेलू हिंसा बढ़ने लगी, तो परिवार की मदद से केस दर्ज कराया और तलाक की प्रक्रिया शुरू की।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मनौवैज्ञानिकों का मानना है कि आजकल रिश्तों में 'क्विक फिक्स' ढूंढने की प्रवृत्ति बढ़ गई है। लोग मानते हैं कि अगर प्रोफाइल पर सबकुछ मैच हो रहा है, तो रिश्ता टिकेगा — लेकिन ऐसा नहीं होता। रिश्तों में समय, समझ और सहनशीलता की ज़रूरत होती है।

संदेश साफ है
मैट्रिमोनियल साइट्स एक माध्यम हो सकती हैं, लेकिन विवाह से पहले भावनात्मक और मानसिक अनुकूलता की जांच अनिवार्य है। वरना प्रोफाइल से शुरू हुआ रिश्ता अदालत में आकर खत्म हो सकता है।

Related News

Global News