
3 अगस्त 2025। अब भोपाल के मानसिक रोगियों को इलाज के लिए बार-बार अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने होंगे। भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) ने मानसिक बीमारियों के निदान और उपचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक को शामिल कर एक बड़ी पहल की है। इसके लिए संस्थान ने कनाडा की अग्रणी एआई कंपनी ऑरेंज न्यूरोसाइंसेज के साथ एक समझौता किया है।
BMHRC की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक मानसिक रोगों की पहचान और उपचार पारंपरिक तरीकों—जैसे बातचीत, फॉर्म भरवाना और काउंसलिंग—से की जाती रही है, जिसमें काफी समय लगता है और मरीज को बार-बार अस्पताल आना पड़ता है। लेकिन अब यह प्रक्रिया एआई टूल्स और वेब-आधारित प्लेटफॉर्म की मदद से अधिक सरल और सटीक होगी।
इन एआई टूल्स को वीडियो गेम जैसे इंटरफेस के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जहां मरीज के लक्षणों के आधार पर उसे एक खास डिजिटल टूल इस्तेमाल करने के लिए दिया जाएगा। मरीज के हर इंटरेक्शन को एप्लिकेशन रिकॉर्ड करता है और सत्र समाप्त होने के बाद उसकी गतिविधियों का विश्लेषण कर परिणाम देता है।
इस तकनीक की मदद से डिप्रेशन, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), ऑटिज़्म, डिस्लेक्सिया जैसी कई मानसिक बीमारियों की सटीक पहचान और इलाज संभव हो पाएगा।
BMHRC के इस कदम को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, जो इलाज को ज्यादा किफायती, प्रभावी और रोगी-केंद्रित बनाएगा।