×

बदल रहा है लखनऊ आईटीआई का चेहरा: अब तकनीकी प्रशिक्षण के साथ गूंजेगा सुर, कविता और सृजनात्मकता का संगम

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: लखनऊ                                                👤By: prativad                                                                Views: 107

राज्य स्तरीय पायलट प्रोजेक्ट की अनूठी पहल, युवाओं को मिलेगा कला, आत्मविश्वास और स्वरोजगार का संबल

8 मई 2025। लखनऊ स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) अब केवल तकनीकी दक्षता का केंद्र नहीं रह जाएगा, बल्कि यहां जल्द ही संगीत और काव्य जैसे रचनात्मक कौशल भी सिखाए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को बहुआयामी प्रतिभा से संपन्न बनाना है, ताकि वे न सिर्फ मशीनों से जुड़ी तकनीकी समझ रखें, बल्कि मंच पर अपनी अभिव्यक्ति से भी लोगों का मन जीत सकें।

यह अभिनव प्रयास राज्य सरकार की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है, जिसकी अगुवाई प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा विभाग, डॉ. हरिओम कर रहे हैं – जो स्वयं एक ख्यातिप्राप्त गायक, कवि और साहित्यप्रेमी हैं। उनका कहना है, "आज का युवा केवल तकनीक नहीं, सृजन और संवाद की कला में भी निपुण हो, तभी वह भविष्य की प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकता है।"

तकनीकी शिक्षा से रचनात्मकता की ओर
आईटीआई में शुरू हो रहे इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को गायन और कविता लेखन जैसे सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा। संगीत और साहित्य जगत के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को कार्यशालाओं और प्रैक्टिकल सेशन्स के लिए आमंत्रित किया जाएगा। छात्रों को सिखाया जाएगा:

गायन: सुर-ताल का संतुलन, वॉइस मॉड्यूलेशन, रियाज़ की तकनीक, मंच प्रस्तुति और जिंगल रिकॉर्डिंग

काव्य कला: कविता लेखन, भाव-प्रकाशन, वाचन शैली, शब्द-संयोजन और मंच संचालन की विधा

यूट्यूब से लेकर मंच तक बढ़ेगा आत्मविश्वास
इस कोर्स का उद्देश्य सिर्फ सृजनात्मकता को विकसित करना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। आज के डिजिटल युग में यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, स्टेज शो और वॉयस ओवर जैसी गतिविधियाँ व्यावसायिक संभावनाओं से भरपूर हैं। आईटीआई के छात्र इन प्रशिक्षणों के बाद न केवल अपने क्षेत्र में तकनीकी दक्षता बनाए रखेंगे, बल्कि कंटेंट क्रिएशन, फ्रीलांसिंग, ऑडिशन में भागीदारी और इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अपनी अलग पहचान भी बना सकेंगे।

स्वरोजगार और करियर निर्माण की नई राह
यह पहल उन युवाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगी जो केवल नौकरी पाने तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि खुद का डिजिटल पोर्टफोलियो, यूट्यूब चैनल, काव्य मंच, या फ्रीलांस आर्टिस्ट के रूप में करियर बनाना चाहते हैं। प्रशिक्षण के बाद छात्र निम्न क्षेत्रों में रोजगार या स्वरोजगार के अवसर तलाश सकेंगे:

वॉयस ओवर और जिंगल रिकॉर्डिंग

मंचीय कविता वाचन और प्रस्तुति

डिजिटल मीडिया के लिए गाना या कविता निर्माण

शॉर्ट वीडियो, वेब कंटेंट और स्टोरीटेलिंग

यह परियोजना राज्य भर के अन्य आईटीआई संस्थानों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है, जिससे तकनीकी शिक्षा को मानविकी और रचनात्मकता से जोड़ने की दिशा में एक नई क्रांति की शुरुआत हो।

Related News

Latest News

Global News