
29 अप्रैल 2025 — उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कामकाजी महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की है। राज्य के 10 प्रमुख शहरों में ‘श्रमजीवी महिला छात्रावास’ स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे नौकरी या करियर के लिए घर से दूर रहने वाली महिलाओं को अब सस्ते, सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध हो सकेगा।
10 शहरों में 500-500 महिलाओं की रहने की व्यवस्था
इन अत्याधुनिक छात्रावासों का निर्माण लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, मेरठ, झांसी और आगरा में किया जा रहा है। लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद में प्रत्येक छात्रावास में लगभग 500 महिलाओं के रहने की सुविधा होगी। अन्य शहरों में भी इसी स्तर की व्यवस्था की जा रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि ये सभी छात्रावास वर्ष 2024–25 के अंत तक पूरी तरह तैयार हो जाएं।
सुरक्षा और सुविधाओं से लैस आधुनिक भवन
इन छात्रावासों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी, सुरक्षा गार्ड, अग्निशमन उपकरण, और 24×7 स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा बच्चों के लिए क्रेच, फिटनेस के लिए जिम, ऑडिटोरियम, लॉन्ड्री, कैंटीन, पार्किंग और सार्वजनिक परिवहन तक आसान पहुंच जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की जाएंगी।
केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल
इन छात्रावासों का निर्माण केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (SASCI) योजना के तहत किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने अपने स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना’ शुरू की है, जिसके अंतर्गत सात और शहरों में छात्रावास बनाए जाएंगे। इस योजना के लिए कुल ₹170 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।
महिलाओं को मिलेगा आत्मनिर्भरता का नया आधार
राज्य सरकार का मानना है कि सुरक्षित और किफायती आवास मिलने से महिलाएं न केवल अपने करियर में बेफिक्र होकर आगे बढ़ सकेंगी, बल्कि अपने बच्चों की परवरिश के लिए भी एक बेहतर वातावरण सुनिश्चित कर सकेंगी। यह पहल ‘मिशन शक्ति’ अभियान के तहत महिलाओं के समग्र सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
संचालन होगा मिशन शक्ति की गाइडलाइन के अनुसार
अधिकारियों के अनुसार, सभी छात्रावासों का संचालन मिशन शक्ति की गाइडलाइनों के अनुसार किया जाएगा, ताकि हर महिला को सुरक्षित, सम्मानजनक और सहयोगी वातावरण मिल सके। सरकार का उद्देश्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को महिलाओं के लिए देश के सबसे सुरक्षित राज्यों में शामिल किया जा सके।