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ईरान व्यापार को लेकर अमेरिकी जांच के दायरे में अडानी समूह: WSJ रिपोर्ट

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 381

3 जून 2025। अमेरिका ने भारत के उद्योगपति गौतम अडानी और उनके अडानी समूह के खिलाफ ईरान के साथ व्यापारिक लेन-देन को लेकर नई जांच शुरू की है। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह जांच अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघन से जुड़ी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) यह पड़ताल कर रहा है कि क्या अडानी समूह के मुंद्रा बंदरगाह के जरिए प्रतिबंधित ईरानी तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) का आयात भारत में किया गया। WSJ की जांच में सामने आया है कि फारस की खाड़ी और मुंद्रा के बीच संचालन करने वाले कई टैंकर उन जहाजों जैसे व्यवहार कर रहे हैं, जो अक्सर प्रतिबंधों से बचने की कोशिश करते हैं। इस कारण अडानी समूह की व्यापारिक गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।

अडानी समूह ने दी सफाई
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए अडानी समूह ने किसी भी अमेरिकी जांच की जानकारी से इनकार किया है और WSJ की रिपोर्ट को "निराधार और दुर्भावनापूर्ण" बताया है। समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया, "हमने कभी भी ईरानी मूल के एलपीजी या प्रतिबंधों से बचने संबंधी किसी भी व्यापार में जानबूझकर भागीदारी नहीं की है। साथ ही, हमें अमेरिकी एजेंसियों द्वारा किसी जांच की कोई सूचना नहीं है।"

गौरतलब है कि अमेरिका ने मई 2019 में ईरानी तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की खरीद पर सख्त प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि ऐसा करने वाले देशों और कंपनियों पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।

पिछले विवादों की पृष्ठभूमि में आई नई जांच
यह जांच ऐसे समय में सामने आई है जब अडानी समूह पहले से ही कई अंतरराष्ट्रीय विवादों से जूझ रहा है। वर्ष 2023 में अमेरिकी निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर शेयर बाजार में हेरफेर और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए थे, जिससे समूह के बाजार मूल्य में लगभग 150 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। इसके बाद, ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने भी समूह के खिलाफ आरोप लगाए थे।

इतना ही नहीं, नवंबर 2024 में अमेरिकी अभियोजकों ने दावा किया था कि अडानी समूह ने भारत में लाभदायक सौर ऊर्जा परियोजनाएं हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को कथित तौर पर 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। अडानी समूह ने इन आरोपों को भी खारिज किया था।

इस साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अडानी समूह से जुड़ी अमेरिकी जांच का मुद्दा उठने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन मोदी ने ऐसे किसी भी विमर्श से इनकार किया था।

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