
6 जून 2025। लगभग एक दशक की चुप्पी के बाद, कारोबारी विजय माल्या ने मशहूर पॉडकास्टर राज शमानी के साथ एक चार घंटे के इंटरव्यू में अपनी चुप्पी तोड़ी। इस दौरान उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस की विफलता, भारत से बाहर जाने की वजह, बैंकों के कर्ज और ‘चोर’ कहे जाने जैसे कई विवादों पर खुलकर बात की।
💬 कर्मचारियों से माफी, लेकिन धोखाधड़ी से इनकार
माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने पर पूर्व कर्मचारियों से माफी मांगी, लेकिन साफ कहा कि उन्होंने कोई चोरी नहीं की। उनका कहना था – "भगोड़ा कहो, लेकिन चोर मत कहो... पैसा नहीं खाया, मेरे पास सबूत हैं।"
🛫 भारत से भागे नहीं, शेड्यूल के अनुसार गए थे
उन्होंने दावा किया कि मार्च 2016 में भारत से उनका निकलना एक तय कार्यक्रम का हिस्सा था। "मैं देश छोड़कर नहीं भागा, मुझे तो खुद सिस्टम से डर था," माल्या ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि निष्पक्ष सुनवाई और गरिमा की गारंटी मिले तो वह भारत लौटने को तैयार हैं।
💰 बैंकों के पैसे, गिरवी संपत्तियाँ और संघर्ष
माल्या ने बताया कि 2008 की मंदी और सरकारी बैंकों की सख्ती के चलते किंगफिशर एयरलाइंस को भारी नुकसान उठाना पड़ा। "मेरी संपत्तियाँ गिरवी थीं, लेकिन बैंकों ने उन्हें बेचने नहीं दिया। मैंने कोशिश की थी कि कर्मचारियों को वेतन मिले," उन्होंने कहा बैंकों का जितना लोन था उस से कही अधिक मेरे द्वारा वापस किया जा चुका हैं। मीडिया ने मेरी छवी चोरो वाली बना दीं।
🏛️ "भारत में कारोबार करना आसान नहीं"
माल्या ने भारत की कारोबारी व्यवस्था को ‘जटिल’ बताते हुए कहा कि यहां एक कंपनी चलाने के लिए 29 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से व्यक्तिगत संपर्क बनाए रखना पड़ता है। "ब्यूरोक्रेसी और पॉलिटिक्स की पकड़ यहां सिस्टम का हिस्सा बन चुकी है," उन्होंने कहा।
🏏 ब्रांड बिल्डिंग या दिखावा?
किंगफिशर एयरलाइंस, आईपीएल टीम और एफ1 रेसिंग जैसे हाई-प्रोफाइल प्रोजेक्ट्स को लेकर उन्होंने कहा, "ये सब ब्रांड को मजबूती देने की रणनीति थी, दिखावे के लिए नहीं।"
📌 अब आगे क्या?
माल्या ने कहा कि वे आज भी बैंकों का पैसा लौटाना चाहते हैं, बशर्ते उन्हें अपनी संपत्तियाँ बेचने की इजाज़त दी जाए। लेकिन जब तक उन्हें कानूनी सुरक्षा और निष्पक्ष न्याय की गारंटी नहीं मिलती, तब तक उनकी भारत वापसी संभव नहीं दिख रही।