
— Prativad.com रिपोर्ट
15 जून 2025। भारत ने वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक नई क्रांति की ओर कदम बढ़ा दिया है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के पूर्वोत्तर और पश्चिमी समुद्री क्षेत्रों में विशाल तेल भंडार (Oil Reserves) की खोज हुई है, जिसकी अनुमानित मूल्य 20 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 1,660 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई है। इस खोज को भारत की "ऊर्जा लॉटरी" कहा जा रहा है।
🔍 कहां मिला ये तेल रिजर्व?
भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण और ONGC के संयुक्त मिशन के तहत की गई खोज में बताया गया है कि:
राजस्थान के बाड़मेर बेसिन, पूर्वोत्तर के असम-अरुणाचल क्षेत्र, और अरब सागर के गहरे समुद्री हिस्सों में अत्यधिक समृद्ध कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार पाए गए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह भंडार न केवल भारत की घरेलू ऊर्जा जरूरतों को अगले 40–50 वर्षों तक पूरा कर सकते हैं, बल्कि भारत को तेल-निर्यातक देशों की सूची में शामिल करने की क्षमता भी रखते हैं।
📊 आर्थिक प्रभाव क्या होगा?
भारत की ऊर्जा आयात निर्भरता, जो वर्तमान में लगभग 85% है, अब आने वाले वर्षों में तेजी से घट सकती है।
रुपये की ताकत बढ़ सकती है और व्यापार घाटा कम हो सकता है।
बेरोजगारी में कमी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा — विशेष रूप से राजस्थान, पूर्वोत्तर और महाराष्ट्र के तटीय जिलों में।
🛢️ क्या भारत OPEC जैसी ताकत बन सकता है?
ऊर्जा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत इन भंडारों का टिकाऊ और रणनीतिक दोहन करता है, तो वह अगले एक दशक में "मिनी ओपेक" के रूप में उभर सकता है।
ONGC के चेयरमैन अरुण सिंह ने कहा:
"यह केवल एक तेल खोज नहीं, बल्कि भारत के ऊर्जा भविष्य की दिशा बदलने वाला क्षण है।"
🌍 वैश्विक बाजार पर क्या असर?
तेल कीमतों में अस्थिरता आ सकती है क्योंकि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ेगी।
पश्चिमी देशों और अरब देशों के लिए यह खोज एक रणनीतिक चुनौती बन सकती है।
सऊदी अरब और अमेरिका पहले ही इस खोज पर निगाह रख रहे हैं और भारत से ऊर्जा भागीदारी की नई शर्तों पर बातचीत कर सकते हैं।
🛠️ आगे की रणनीति:
सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है जो:
उत्पादन क्षमता बढ़ाने,
तेल पर आधारित रिफाइनरी हब बनाने, और नवीन ऊर्जा नीति तैयार करने का खाका तैयार करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खोज पर खुशी जताते हुए कहा:
"यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक छलांग है। आने वाला भारत, ऊर्जा में आत्मनिर्भर भारत होगा।"