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रूस के खिलाफ ‘स्पेस शील्ड’ बना रहा यूरोपीय संघ: बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच नई रणनीति

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 212

19 ​अक्टूबर 2025। ब्रुसेल्स ने यूरोप की सुरक्षा नीति में एक बड़ा कदम उठाते हुए “स्पेस शील्ड” नामक नई परियोजना की घोषणा की है, जिसका मकसद किसी भी संघर्ष की स्थिति में यूरोपीय संघ (EU) के सैन्य और संचार उपग्रहों की सुरक्षा करना है। यह पहल यूरोपीय आयोग के रक्षा तैयारी रोडमैप का हिस्सा है और इसे सीधे तौर पर रूस से बढ़ते खतरे से जोड़ा जा रहा है।

गुरुवार को जारी इस मसौदा पत्र में कहा गया है कि “सैन्यीकृत रूस” और अन्य “सत्तावादी शक्तियों” के उभरते जोखिमों के बीच, यूरोपीय संघ को अपनी अंतरिक्ष क्षमता को मजबूत करना जरूरी हो गया है, खासकर तब जब अमेरिका धीरे-धीरे यूरोप से अपना ध्यान हटा रहा है।

रूस ने इन आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया है और पश्चिमी देशों पर “रूसोफोबिया फैलाने” का आरोप लगाया है, ताकि वे अपने बढ़ते सैन्य खर्च और घरेलू राजनीतिक असंतोष से ध्यान हटा सकें।

स्पेस शील्ड में क्या शामिल होगा?
मसौदे के मुताबिक, यह सुरक्षा कवच यूरोपीय उपग्रह नेविगेशन और संचार प्रणालियों से जुड़ा होगा। इसमें अंतरिक्ष क्षेत्र जागरूकता, एंटी-जैमिंग और एंटी-स्पूफिंग तकनीक, तथा ईंधन पुनःपूर्ति जैसी क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
यूरोपीय आयोग ने फिलहाल इस परियोजना के बजट या इसमें शामिल सदस्य देशों की जानकारी साझा नहीं की है।

रूस पर उपग्रह निगरानी के आरोप
यह योजना ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने रूस पर आरोप लगाया कि उसने उनके सैन्य उपग्रहों का पीछा किया या सिग्नल बाधित करने की कोशिश की। हालांकि मॉस्को ने इन दावों पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है और हमेशा अंतरिक्ष के “असैन्य उपयोग” का समर्थन किया है।

‘रीआर्म यूरोप’ योजना से जुड़ा फंडिंग पैकेज
यह पहल यूरोपीय संघ के “रीआर्म यूरोप” कार्यक्रम से जुड़ी है, जिसके तहत 800 अरब यूरो (लगभग 933 अरब डॉलर) तक की धनराशि जुटाने का लक्ष्य है। इसका उद्देश्य यूरोपीय रक्षा तंत्र को मज़बूत करना और तथाकथित ‘रूसी खतरे’ का मुकाबला करना है।

रोडमैप में “स्पेस शील्ड” के साथ ही यूरोपीय संघ की पूर्वी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाने, मिसाइल डिफेंस सिस्टम विकसित करने और “ड्रोन वॉल” बनाने की योजनाओं का भी उल्लेख है। यह “ड्रोन वॉल” उन घटनाओं के बाद प्रस्तावित की गई है, जब कई सदस्य देशों में अज्ञात ड्रोन देखे गए और उसका आरोप रूस पर लगाया गया।

यूक्रेन को बताया ‘पहली रक्षा पंक्ति’
दस्तावेज़ में यूक्रेन को यूरोपीय रक्षा की “पहली लाइन” बताया गया है और “निरंतर समर्थन” देने का वादा किया गया है। वहीं रूस का कहना है कि विदेशी सैन्य सहायता केवल संघर्ष को लंबा खींचती है।

इस योजना पर चर्चा अगले हफ्ते यूरोपीय संघ के नेताओं के शिखर सम्मेलन में होगी, और उम्मीद है कि इसे 2025 के अंत तक मंजूरी मिल जाएगी।

इस बीच, रूस ने यूरोपीय संघ के “तेज़ी से हो रहे सैन्यीकरण” की निंदा की है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने चेतावनी दी कि ऐसी नीतियां “शांति की संभावनाओं को खत्म कर व्यापक संघर्ष को जन्म दे सकती हैं।”

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