
जन्मदिन पर चेतावनी — “हमारी पीढ़ी डिजिटल आज़ादी खोने के कगार पर है”
10 अक्टूबर 2025। टेलीग्राम के संस्थापक पावेल डुरोव ने अपने 41वें जन्मदिन पर एक तीखा संदेश जारी करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों की निगरानी और सेंसरशिप नीतियां इंटरनेट को “मुक्त सूचना के मंच” से “नियंत्रण के औज़ार” में बदल रही हैं।
रूस में जन्मे अरबपति डुरोव ने टेलीग्राम को हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता की रक्षा करने वाला प्लेटफॉर्म बताया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम की सरकारें अब उन्हीं सत्तावादी तरीकों को अपनाने लगी हैं, जिनकी वे पहले आलोचना करती थीं।
डुरोव ने लिखा, “हमारी पीढ़ी के पास अपने पूर्वजों द्वारा बनाए गए मुक्त इंटरनेट को बचाने के लिए बहुत कम समय बचा है। जो कभी सूचना के मुक्त आदान-प्रदान का वादा था, वही अब नियंत्रण का अंतिम औज़ार बन गया है।”
उन्होंने ब्रिटेन में डिजिटल आईडी, ऑस्ट्रेलिया में ऑनलाइन आयु सत्यापन और यूरोपीय संघ में निजी संदेशों की स्कैनिंग जैसे उदाहरण देते हुए कहा कि ये कदम नागरिकों की निजता के लिए खतरा हैं।
डुरोव के अनुसार, “पश्चिम ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि निजता, संप्रभुता, मुक्त बाज़ार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसी पारंपरिक मान्यताएं अब अप्रासंगिक हैं। इसी सोच ने समाज को आत्म-विनाश की दिशा में धकेल दिया है।”
उन्होंने आगाह किया कि यदि यही रुझान जारी रहा, तो “हमारी पीढ़ी इतिहास में आखिरी ऐसी पीढ़ी के रूप में दर्ज हो सकती है, जिसने आज़ादी को खोते हुए देखा और कुछ नहीं किया।”
डुरोव पहले भी टेलीग्राम की नीतियों को लेकर पश्चिमी सरकारों से टकरा चुके हैं। जर्मनी ने उन पर ‘अवैध सामग्री’ न हटाने के लिए जुर्माना लगाया था, जबकि अमेरिका में उन पर चरमपंथी समूहों को मंच देने का आरोप लगा। पिछले साल उन्हें पेरिस में गिरफ़्तार किया गया था, हालांकि बाद में ज़मानत पर रिहा कर दिया गया। डुरोव ने इन आरोपों को राजनीतिक बताया था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों ने उनसे रोमानिया और मोल्दोवा के चुनावों के दौरान “रूढ़िवादी सामग्री” को सेंसर करने का दबाव डाला। डुरोव ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ “धर्मयुद्ध” कहा।
टेलीग्राम संस्थापक का कहना है कि यूरोपीय संघ के नए कानून — डिजिटल सर्विस एक्ट और एआई एक्ट — सूचना पर केंद्रीकृत नियंत्रण का रास्ता खोल रहे हैं।
डुरोव ने हाल ही में फिर दोहराया, “टेलीग्राम कभी भी राजनीतिक सेंसरशिप के आगे नहीं झुकेगा। मैं इस प्लेटफॉर्म के सिद्धांतों से विश्वासघात करने के बजाय जेल में मरना पसंद करूंगा।”