
19 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश शासन के मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस नेताओं पर निराधार आरोपों की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस चुनाव हारने के बाद संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।
सारंग ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के 20 महीने बाद कांग्रेस की “कुंभकर्णी नींद” क्यों टूटी? यदि मतदाता सूची में गड़बड़ी थी तो चुनाव आयोग की निर्धारित समयसीमा में आपत्ति दर्ज क्यों नहीं की गई? चुनाव कानून के अनुसार परिणाम घोषित होने के 45 दिन के भीतर आपत्ति और मतदाता सूची पर मतदान से 10 दिन पहले तक शिकायत की जा सकती है। कांग्रेस ने ऐसा कुछ नहीं किया, बल्कि अब जनता को भ्रमित करने के लिए बहाने बना रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उमंग सिंघार बिना किसी ठोस तथ्य और आंकड़ों के झूठ फैला रहे हैं। “कांग्रेस की आदत बन चुकी है कि जब सत्ता में रहे तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया और विपक्ष में रहते हुए उन्हीं पर अविश्वास जताया।”
“27 सीटों का बहाना भी बेमानी”
सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता ने भाजपा को 163 सीटें देकर स्पष्ट बहुमत दिया। कांग्रेस जिन 27 सीटों पर गड़बड़ी का आरोप लगा रही है, उन्हें घटाने पर भी भाजपा के पास 136 सीटें रहतीं, जो सरकार बनाने के लिए पर्याप्त हैं।
“कांग्रेस का इतिहास वोटों की हेराफेरी से भरा”
सारंग ने कांग्रेस पर ऐतिहासिक आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि भारत की पहली वोट चोरी जवाहरलाल नेहरू ने प्रधानमंत्री बनने के लिए की थी और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को हराने के षड्यंत्र की पूरी कहानी देश जानता है। यही परंपरा आगे भी चलती रही—कभी ईवीएम, कभी आयोग और अब मतदाता सूची को कटघरे में खड़ा करना।
“तथ्य हों तो अदालत में पेश करें”
सारंग ने कहा कि संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में चुनाव विवादों के समाधान के स्पष्ट प्रावधान हैं। कांग्रेस चाहे तो हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। “अब 20 महीने बाद झूठे आरोप लगाना सिर्फ जनता को गुमराह करने की कवायद है।”
“लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश”
मंत्री सारंग ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर पूरी दुनिया को गर्व है। बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने जो व्यवस्था दी, वह विश्व में आदर्श है। कांग्रेस पार्टी अपनी नाकामियों को छिपाने और सुर्खियों में बने रहने के लिए लोकतांत्रिक संस्थाओं पर झूठे सवाल खड़े करती है।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं से कहा—“यदि राहुल गांधी या उमंग सिंघार के पास कोई ठोस तथ्य हैं तो हलफनामा देकर सही मंच पर चुनाव आयोग या न्यायालय में पेश करें। लेकिन झूठ और फरेब की राजनीति कर लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिश न करें। मध्यप्रदेश और देश की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी।”