
26 अगस्त 2025। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उन देशों के ख़िलाफ़ कड़े कदम उठाने की धमकी दी है, जो अमेरिकी तकनीकी कंपनियों पर डिजिटल सेवा कर (DST) या अन्य कड़े डिजिटल नियम लागू करते हैं। ट्रम्प ने सोमवार को साफ़ कहा कि ऐसे देशों पर "महत्वपूर्ण नए टैरिफ" लगाए जा सकते हैं और साथ ही सेमीकंडक्टर निर्यात पर भी रोक लगाई जा सकती है।
डिजिटल सेवा कर, जो अब कई देशों में लागू हैं, का मक़सद बड़ी टेक कंपनियों से अतिरिक्त राजस्व जुटाना है। मगर ट्रम्प का आरोप है कि इस तरह के उपाय दरअसल अमेरिकी कंपनियों—जैसे मेटा, गूगल (अल्फाबेट) और अमेज़न—को निशाना बनाते हैं, जबकि चीनी टेक दिग्गजों को इससे छूट मिलती है।
अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशियल पर लिखते हुए ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका अब दुनिया की "गुल्लक" या "दरवाज़े की चटाई" नहीं रहेगा। उन्होंने दोहराया कि वह हर उस देश का विरोध करेंगे जो अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र को नुकसान पहुँचाने या उसके साथ भेदभाव करने की कोशिश करेगा।
इस मुद्दे से अमेरिका और यूरोप के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ने की आशंका है। ब्रिटेन समेत कई यूरोपीय देश पहले से ही अपने डिजिटल कर लागू कर चुके हैं, जबकि यूरोपीय संघ का डिजिटल सेवा अधिनियम तकनीकी प्लेटफ़ॉर्म पर सख़्त निगरानी की मांग करता है। अमेरिकी प्रशासन इन कदमों को अनुचित मानता रहा है।
जून में भी ट्रम्प प्रशासन ने कनाडा पर दबाव बनाया था और डिजिटल कर लागू करने पर वार्ता रोकने की धमकी दी थी। अंततः ओटावा ने इस कदम को टाल दिया, जिसे व्हाइट हाउस ने "अमेरिकी दबाव की जीत" बताया।
वहीं डिजिटल टैक्स के पक्षधर देशों का कहना है कि अमेज़न जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय उपभोक्ताओं से भारी मुनाफ़ा कमाती हैं, लेकिन कर के रूप में बहुत कम योगदान देती हैं।