
1 सितंबर 2025। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को तियानजिन में आयोजित 2025 शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 20 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
यह सम्मेलन वैश्विक तनावों – यूक्रेन संघर्ष, गाजा युद्ध और अमेरिका की टैरिफ नीतियों से उपजे व्यापार विवादों – की पृष्ठभूमि में आयोजित हो रहा है। एजेंडे में क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, ऊर्जा, परिवहन, डिजिटलीकरण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और हरित विकास जैसे विषय शामिल हैं।
पुतिन–मोदी मुलाक़ात
सम्मेलन से इतर पुतिन और मोदी ने तियानजिन के रिट्ज-कार्लटन होटल में द्विपक्षीय वार्ता की। पुतिन ने मोदी को अपना "प्रिय मित्र" बताते हुए कहा कि मास्को और नई दिल्ली के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के 15 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। मोदी ने भी पुतिन को "प्रिय मित्र" कहकर संबोधित किया और दिसंबर में भारत में होने वाले 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में स्वागत करने की इच्छा जताई।
शिखर सम्मेलन की प्रमुख बातें
घोषणापत्र जारी: एससीओ ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग की ताकि वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित किया जा सके और विकासशील देशों को अधिक प्रतिनिधित्व मिल सके।
गाजा पर रुख: संगठन ने "पूर्ण और स्थायी युद्धविराम" का आह्वान किया, मानवीय सहायता पहुँचाने की आवश्यकता दोहराई और नागरिकों की मौत की घटनाओं की कड़ी निंदा की।
विकास बैंक की पहल: सदस्य देशों ने एक एससीओ विकास बैंक स्थापित करने पर सहमति जताई।
आर्थिक सहयोग: रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष के प्रमुख किरिल दिमित्रिव ने कहा कि एससीओ देशों के बीच "अभूतपूर्व सहयोग" हो रहा है, जो पश्चिमी देशों की विखंडित नीतियों से अलग है।
पुतिन के बयान
पुतिन ने कहा कि नाटो में यूक्रेन को शामिल करने के पश्चिमी प्रयास मौजूदा संकट के कारणों में से एक हैं। उन्होंने चीन और भारत के शांति प्रयासों की सराहना की और कहा कि रूस एससीओ-आधारित भुगतान एवं निपटान ढाँचे का समर्थन करता है।
चीन का योगदान
शी जिनपिंग ने घोषणा की कि चीन इस वर्ष एससीओ सदस्य देशों को 2 अरब युआन (लगभग 281 मिलियन डॉलर) का अनुदान देगा, साथ ही 10 अरब युआन की अतिरिक्त सहायता भी प्रदान करेगा।
यह सम्मेलन मंगलवार को बीजिंग में पुतिन–शी वार्ता और बुधवार को द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ के कार्यक्रमों के साथ जारी रहेगा।