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योगी सरकार यूपी में बनाएगी बड़ा टूरिज्म सेंटर, 2025 महाकुंभ से पहले बदलेगी प्रयागराज की तस्वीर

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 910

Bhopal: 05 अप्रैल 2023। योगी सरकार काशी, अयोध्या और मथुरा ही नहीं प्रयागराज एवं नैमिषारण्य को भी टूरिज्म के बड़े सेंटर के रूप में विकसित करेगी। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम द्वितीय के तहत महाकुंभ से पहले ये बदलेगा।

योगी सरकार काशी, अयोध्या और मथुरा ही नहीं प्रयागराज एवं नैमिषारण्य को भी टूरिज्म के बड़े सेंटर के रूप में विकसित करेगी। केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम द्वितीय के तहत इन दोनों स्थलों का चयन अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए हुआ है। सरकार 2025 के महाकुंभ से पहले प्रयागराज में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कई बड़े काम करने जा रही है। साथ ही नैमिष के कायाकल्प के लिए भी कई योजनाओं को धरातल पर उतारने की योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा रहा है। इस संबंध में त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने की है, जिसमें पर्यटन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। इसी के दृष्टिगत सरकार पीपीपी मोड पर चयनित पर्यटन स्थलों का समेकित विकास करेगी। इसके तहत इन स्थलों में मौजूद सभी मंदिरों, पौराणिक और पुरातात्विक महत्त्व के स्थानों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। यही नहीं चिह्नित स्थलों प्रयागराज और नैमिषारण्य के समेकित विकास के लिए विशेषज्ञों की टीम का चयन किया जा रहा है। इसके बाद चिह्नित स्थलों के विकास के लिए डीपीआर तैयार किया जाएगा।

महाकुंभ से पहले पूर्ण होंगे कार्य
धार्मिक पर्यटन के रूप में प्रयागराज को नई पहचान देने के लिए योगी सरकार 87 परियोजनाओं पर 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करेगी। सरकार की मंशा प्रयागराज में स्थाई विकास पर है। इसके तहत छह लेन के तीन पुलों का निर्माण, निर्मल गंगा अभियान के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त करना, गंगा और यमुना के तटों पर सात पक्के घाटों का निर्माण, यमुना में पहला फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, द्वादश माधव राम मंदिर का सौंदर्यीकरण, पांच कोसी मार्ग को नया स्वरूप, नैनी के अरेल में यमुना तट पर त्रिवेणी पुष्प का पुनुरोद्धार, डिजिटल कुम्भ संग्रहालय, 'पेंट माय सिटी' की तर्ज पर गंगा और यमुना के घाटों को 'ग्लो माय रिवर फ्रंट' के तहत नया स्वरूप देना, फाफामऊ में स्थित पुराने कर्जन ब्रिज को पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने जैसे अन्य कार्य शामिल हैं। महाकुंभ से पहले सरकार इन सभी कार्यों को सरकार पूर्ण करा लेगी।

नैमिषारण्य का विकास करेगी सरकार
88,000 ऋषियों की पावन तपोस्थली नैमिषारण्य और मिश्रिख - नीमसार की पौराणिक महत्ता को देखते हुए योगी सरकार पर्यटन की दृष्टि से इस पूरे क्षेत्र का कायाकल्प करेगी। इसके लिए सरकार श्री नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन कर चुकी है, जिसमें सीतापुर और हरदोई के 36 गांवों को शामिल किया है। इस क्षेत्र को वैदिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और इको टूरिज्म के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। नैमिषारण्य और मिश्रिख - नीमसार समेकित विकास के लिए धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों का भी चयन कर लिया गया है। इन स्थलों को विदेशी श्रद्धालुओं और सैलानियों के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इनमें मां ललिता देवी मंदिर के द्वार का निर्माण, चक्रतीर्थ कुंड की सफाई, गौकुंड, सत्संग भवन, सभास्थल और प्रतीक्षा क्षेत्र के अलावा गोदावरी कुंड एवं ब्रह्म कुंड को ठीक किया जाएगा। साथ ही सरकार इस क्षेत्र में पड़ने वाले अन्य प्रमुख स्थानों को भी डेवलप करेगी।


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