 
 30 मई 2024। चेन्नई स्थित स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने इतिहास रच दिया है। दुनिया का पहला ऐसा रॉकेट लॉन्च करने में उन्हें सफलता मिली है, जिसे एक खास 3D-प्रिंटेड इंजन से चलाया गया। यह एकल टुकड़े से बना यह इंजन एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (3D प्रिंटिंग) तकनीक से निर्मित है। पांचवीं कोशिश में मिली यह सफलता अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण छलांग है।
लॉन्च किए गए रॉकेट का नाम "अग्निबाण" है।  इसे सेमी-क्रायोजेनिक तरल इंजन की मदद से उड़ाया गया। यह अपनी तरह का पहला इंजन है, जिसे भारत में ही डिजाइन और 3D-प्रिंट किया गया है।  यह नया इंजन ईंधन के लिए तरल ऑक्सीजन और मिट्टी के तेल के मिश्रण का इस्तेमाल करता है।
अग्निबाण की सफल उड़ान सिर्फ इंजन के बारे में नहीं है।  यह लॉन्च अपने आप में एक उपलब्धि है। भारत के पहले निजी लॉन्चपैड से इसे अंतरिक्ष की ओर भेजा गया। यह उपलब्धि भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र की बढ़ती क्षमता को रेखांकित करती है।
यह सफलता जटिल अंतरिक्ष यान घटकों के लिए 3D-प्रिंटिंग तकनीक में एक बड़ी सफलता है। एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (3D प्रिंटिंग) रॉकेट निर्माण में कई फायदे देती है, 
जिनमें शामिल हैं: कम जटिलता: 3D प्रिंटिंग जटिल पुर्जों को एक ही बार में बनाने की अनुमति देता है, जिससे इंजन का डिज़ाइन सरल होता है।
अधिक दक्षता: इस तरीके से हल्के और अधिक कुशल इंजन बनाए जा सकते हैं।
तेज उत्पादन: 3D प्रिंटिंग इंजन विकास में तेजी लाने की क्षमता रखता है।
अग्निबाण का सफल प्रक्षेपण किफायती और सुलभ अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग का मार्ग प्रशस्त करता है। यह भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की प्रतिभा का प्रमाण है, और देश की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

 
 

 
 
 
 
 












