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मोदी ने ब्रह्मोस मिसाइल की तारीफ की, बोले – ‘इसका नाम ही डर पैदा करता है’

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 169

21 अक्टूबर 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-रूस संयुक्त रूप से विकसित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की सराहना करते हुए कहा कि इसका नाम सुनकर ही कुछ लोगों के मन में डर पैदा हो जाता है।

आईएनएस विक्रांत पर दिवाली के मौके पर नौसेना कर्मियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष के दौरान ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अपनी क्षमता साबित की। उन्होंने बताया कि अब दुनिया के कई देश इन मिसाइलों को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

भारत-रूस साझेदारी की मिसाल
ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस का संयुक्त उद्यम है, जिसका नाम ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों से लिया गया है। इस कंपनी में भारत के DRDO की 50.5% हिस्सेदारी है, जबकि रूस की NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया की 49.5% हिस्सेदारी है।

मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले ही लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एकीकरण और परीक्षण केंद्र में बनी पहली मिसाइल खेप सशस्त्र बलों को सौंपी गई है। यह केंद्र उत्तर प्रदेश के रक्षा औद्योगिक गलियारे का अहम हिस्सा है।

तेजी से आगे बढ़ रहा ब्रह्मोस प्रोजेक्ट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी वर्ष मई में इस केंद्र का वर्चुअल उद्घाटन किया था। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिसाइलों का पहला सेट केवल पांच महीने में तैनाती के लिए तैयार हो गया। सिंह ने उस वक्त बताया था कि ब्रह्मोस टीम ने अब तक दो देशों के साथ करीब 450 मिलियन डॉलर के सौदे किए हैं, और लखनऊ इकाई का कारोबार 2026 तक 340 मिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

पिछले महीने एक व्यापार मेले में मोदी ने कहा था कि भारत और रूस की “समय-परीक्षित साझेदारी” लगातार मजबूत हो रही है — और ब्रह्मोस इसका सबसे सशक्त उदाहरण है।

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