6 नवंबर 2025। भारत और इज़राइल ने रक्षा सहयोग को और मजबूत करते हुए एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य रक्षा तकनीक साझा करना, उन्नत हथियार प्रणालियों का संयुक्त विकास, और सह-उत्पादन को बढ़ावा देना है।
यह समझौता मंगलवार को तेल अवीव में आयोजित संयुक्त कार्य समूह की बैठक के दौरान हुआ। बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और इज़राइल रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अमीर बारम ने की।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह साझेदारी हाई-टेक सैन्य तकनीक के आदान-प्रदान को बढ़ाएगी और भविष्य के रक्षा परियोजनाओं में दोनों देशों के बीच सहयोग को तेज करेगी।
संभावित रक्षा सौदे
भले ही आधिकारिक बयान में सौदों का विवरण नहीं दिया गया, लेकिन जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत लैंड फोर्स के लिए उन्नत रॉकेट और IAI द्वारा विकसित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियाँ लगभग 3.75 बिलियन डॉलर में खरीद सकता है। इसके अलावा IAI भारतीय वायु सेना के लिए छह वाणिज्यिक विमानों को 900 मिलियन डॉलर की लागत से एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग प्लेटफॉर्म में बदलेगा।
कूटनीतिक चर्चा भी हुई
यह समझौता इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार की नई दिल्ली यात्रा के दौरान साइन हुआ। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात में भारत को “वैश्विक शक्ति” कहा और कहा कि दोनों देशों के संबंध रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में सबसे मजबूत दौर में हैं।
जयशंकर ने भी इस साझेदारी को रणनीतिक बताते हुए कहा कि दोनों राष्ट्र कठिन परिस्थितियों में एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं और भरोसे पर आधारित संबंध बनाए हैं।
लंबे समय से रक्षा सहयोग
भारत दशकों से इज़राइल को प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता मानता रहा है। दोनों देशों ने पहले भी बराक-8 एयर डिफेंस सिस्टम का संयुक्त विकास किया है। SIPRI के 2025 के आंकड़ों के अनुसार भारत इज़राइली हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार था, जिसका लगभग 2.9 बिलियन डॉलर मूल्य का रक्षा आयात किया गया।
हालांकि कुल रक्षा आयात में रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
An excellent meeting with FM @gidonsaar of Israel today in New Delhi.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 4, 2025
Productive discussions on strengthening our Strategic Partnership across various domains.
Reaffirmed our zero tolerance towards terrorism in all its forms and manifestations.
Appreciate FM Sa’ar sharing… pic.twitter.com/mHLPzk3rmm
गाजा संघर्ष पर चर्चा
इस दौरान जयशंकर ने गाजा संघर्ष के समाधान के लिए एक स्थायी शांति योजना का समर्थन किया, जिसका प्रस्ताव हाल में शर्म अल-शेख में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रखा था। भारत ने उम्मीद जताई कि इस पहल से क्षेत्र में टिकाऊ शांति स्थापित हो सकेगी।
सीधे शब्दों में कहें तो भारत और इज़राइल रक्षा टेक्नोलॉजी में अपना गठजोड़ अगले स्तर पर ले जा रहे हैं, और यह सौदा उसकी एक बड़ी कड़ी है।














