1 दिसंबर 2025। भारत अब अपने ही इंजन से चलने वाले लंबी दूरी के अटैक ड्रोन बनाने की तैयारी में है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार पब्लिक–प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल में ऐसे UAV विकसित कर रही है जो 560 मील से ज्यादा दूर तक टारगेट को हिट कर सकेंगे।
नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरीज (NAL) ने एक निजी कंपनी के साथ समझौता किया है। इसके तहत NAL का भारत में बना वांकेल इंजन नए ड्रोन प्लेटफॉर्म में लगाया जाएगा। अभी तक भारत ड्रोन इंजनों के लिए विदेशी सप्लाई पर निर्भर रहा है, लेकिन यह प्रोजेक्ट उस निर्भरता को कम करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
शुरुआत 30 hp वांकेल इंजन से होगी, जिसे नौ घंटे लगातार उड़ान भरने वाले ड्रोन में लगाया जाएगा। इस इंजन को फ्लाइट टेस्टिंग के लिए जरूरी सर्टिफिकेशन मिल चुका है। रिपोर्ट कहती है कि 50 hp वर्जन पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही इसके ट्रायल शुरू हो सकते हैं। भारी UAV प्लेटफॉर्म के लिए 90 hp इंजन पर भी विचार हो रहा है।
प्रोजेक्ट में सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (SDAL) निजी पार्टनर है। NAL तकनीक और ड्रोन डेवलप करेगा, जबकि SDAL भारत और विदेश में इनके निर्माण और मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभालेगा।
नए ड्रोन GPS अनुपलब्ध क्षेत्रों में भी ऑपरेट कर पाएंगे। इनके AI-सक्षम पेलोड रियल-टाइम इंटेलिजेंस और बेहतर सिचुएशनल अवेयरनेस देने में मदद करेंगे।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सरकार लगातार भारतीय कंपनियों को आगे बढ़ा रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO द्वारा शुरू किए गए नए ड्रोन चैलेंज की तारीफ की और प्राइवेट स्पेस सेक्टर में हो रही प्रगति को “उद्योग के लिए नई ऊर्जा” बताया।














