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प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग से कहा: सीमा पर शांति हमारी प्राथमिकता, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हुई पहली औपचारिक मुलाकात

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 1218

23 अक्टूबर 2024। रूस के कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पांच वर्षों में पहली बार औपचारिक वार्ता की, जो करीब एक घंटे तक चली। यह बैठक 2020 में सीमा पर हुई घातक झड़प के बाद दोनों एशियाई महाशक्तियों के संबंधों में सुधार का संकेत देती है। इससे पहले दोनों नेताओं ने 2019 में दक्षिण भारत के ममल्लापुरम में मुलाकात की थी।

इस द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंध न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी आवश्यक हैं।

क्या कहा शी जिनपिंग ने?
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि यह उनकी पहली औपचारिक बैठक है, और दोनों देशों के लोग तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन, जो प्राचीन सभ्यताएं और उभरते हुए देश हैं, अपने आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण चरण में हैं और यह उनके लोगों के मूल हितों की पूर्ति करता है।

विदेश मंत्रालय का बयान
बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर शांति और स्थिरता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मतभेदों का समाधान सही तरीके से होना चाहिए। मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के प्रतिनिधि जल्द ही सीमा विवाद पर बातचीत करेंगे।

दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई यह वार्ता कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर हुई सफलताओं का परिणाम है, और इससे यह संकेत मिलता है कि भारत-चीन संबंधों में सुधार हो रहा है। इसके पहले, चीन ने यह स्वीकार किया था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चार वर्षों से जारी तनाव को हल करने के लिए दोनों देशों के बीच एक समझौता हुआ है।

एलएसी विवाद का हल
चार साल से चल रहे इस सैन्य गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत और चीन के बीच एक समझौता हुआ है। गलवान घाटी की झड़प के बाद सीमा पर तैनात हजारों सैनिकों के बीच तनाव को कम करने के लिए यह एक अहम कदम है। बैठक के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर सहमति बनी, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में आगे बढ़ा जा सकेगा।

ब्रिक्स में मुलाकात
दोनों नेताओं की यह महत्वपूर्ण मुलाकात कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। भारत ने कुछ दिनों पहले ही घोषणा की थी कि उसने अपनी विवादित हिमालयी सीमा पर चार वर्षों से जारी सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए चीन के साथ एक समझौता किया है।

एलएसी विवाद कैसे सुलझा?
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक दिन पहले कहा था कि भारत और चीन के बीच विदेश मंत्रालयों और सैन्य कमांडरों के बीच लगातार हुई बातचीत के बाद पेट्रोलिंग को लेकर समझौता हुआ है, जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 2020 से पहले की स्थिति बहाल करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।


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