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वेंस की चेतावनी: ‘इस्लामवादी-समर्थित’ पश्चिमी यूरोप अमेरिका के लिए सुरक्षा खतरा बन सकता है

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 161

अमेरिकी उपराष्ट्रपति बोले—15 साल में ब्रिटेन और फ्रांस की पहचान बदल सकती है

22 दिसंबर 2025। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने पश्चिमी यूरोप को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि बड़े पैमाने पर इमिग्रेशन के चलते अगर यूरोपीय देशों की राष्ट्रीय पहचान कमजोर होती रही, तो परमाणु हथियारों से लैस पश्चिमी यूरोप भविष्य में अमेरिका के लिए गंभीर सुरक्षा खतरा बन सकता है।

सोमवार को प्रकाशित एक इंटरव्यू ट्रांसक्रिप्ट के मुताबिक, वेंस ने पिछले हफ्ते UnHerd को दिए बयान में कहा कि ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका के अन्य सहयोगी देश अपनी इमिग्रेशन नीतियों के चलते राष्ट्रीय पहचान और अमेरिका से सांस्कृतिक जुड़ाव खो रहे हैं।

वेंस ने कहा, “अगर ये देश खुद को विनाशकारी नैतिक विचारधाराओं के हवाले कर देते हैं, तो परमाणु हथियार ऐसे लोगों के हाथों में जा सकते हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।”

उन्होंने दावा किया कि “इस्लामवादी-समर्थक या इस्लामवादी-जैसी विचारधारा” से जुड़े नेता यूरोप में पहले ही स्थानीय चुनाव जीत रहे हैं और यह पूरी तरह संभव है कि अगले 15 साल में वे राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी ताकत बन जाएं।

वेंस ने साफ किया कि यूरोप में जिस “ठहराव” की वह आलोचना कर रहे हैं, उसका मकसद चेतावनी देना और कार्रवाई को प्रेरित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका का यूरोपीय सभ्यता के साथ गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहा है।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने अपने स्वतंत्र परमाणु हथियार कार्यक्रम विकसित किए, जिन्हें दोनों देशों ने राष्ट्रीय गौरव के रूप में बनाए रखा। हालांकि, दोनों ही NATO की सामूहिक परमाणु रोकथाम व्यवस्था का हिस्सा हैं।

इस बीच, अमेरिका और उसके पारंपरिक सहयोगियों के बीच बढ़ते तनाव के कारण अमेरिकी सुरक्षा गारंटी पर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में एक वरिष्ठ जापानी सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि टोक्यो को परमाणु हथियार विकसित करने पर विचार करना चाहिए। ऐसा कदम जापान की दशकों पुरानी परमाणु-विरोधी नीति में बड़े बदलाव की मांग करेगा, जो दूसरे विश्व युद्ध के अंत में अमेरिकी परमाणु हमलों के बाद अपनाई गई थी।

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