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पुतिन के भारत दौरे पर चीन की प्रतिक्रिया: दिल्ली–मॉस्को–बीजिंग साझेदारी को दुनिया के लिए फायदेमंद बताया

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 141

8 दिसंबर 2025। चीन ने कहा है कि भारत, रूस और चीन के बीच मजबूत रिश्ते दुनिया में स्थिरता और समृद्धि बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

बीजिंग में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने BRICS देशों के आपसी संबंधों पर पूछे गए सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चीन, भारत और रूस तीनों उभरती अर्थव्यवस्थाएँ हैं और ग्लोबल साउथ के प्रमुख सदस्य होने के कारण उनका आपसी सहयोग वैश्विक संतुलन के लिए बेहद जरूरी है।

गुओ ने कहा, “तीनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते सिर्फ उनके अपने हितों के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्र और दुनिया की शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी सकारात्मक हैं। चीन भारत और रूस दोनों के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।”

भारत–चीन रिश्तों पर भी टिप्पणी
लगभग पाँच साल के तनाव के बाद भारत और चीन के बीच धीरे-धीरे सुधरते संबंधों पर उन्होंने कहा कि बीजिंग “भारत के साथ रिश्तों को रणनीतिक ऊँचाई और लंबी अवधि के दृष्टिकोण से संभालने के लिए प्रतिबद्ध” है। 2020 में सीमा संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे, लेकिन पिछले एक साल में कई स्तरों पर बातचीत फिर से शुरू हुई है।

पुतिन का बयान और बढ़ता त्रिकोणीय व्यापार
भारत दौरे से पहले इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में पुतिन ने कहा था कि रूस, चीन और भारत को अपने सबसे भरोसेमंद साझेदारों में गिनता है। उनका कहना था कि मॉस्को दोनों देशों के साथ रिश्तों को “नई ऊँचाई तक ले जाना” चाहता है, जिसमें तकनीकी सहयोग भी शामिल है।

यूक्रेन विवाद पर भारत और चीन ने पश्चिमी प्रतिबंधों से दूरी बनाए रखी है और इसके बजाय रूस के साथ व्यापार बढ़ाया है। पुतिन ने इस “तर्कसंगत और व्यावहारिक” रुख की खास तारीफ की।

2020 से 2024 के बीच रूस–चीन व्यापार लगभग दोगुना होकर 240 अरब डॉलर से अधिक पहुँच गया है। वहीं रूस–भारत व्यापार भी दो साल में छह गुना से ज्यादा बढ़कर 2024 में 65 अरब डॉलर से ऊपर पहुँच गया। पुतिन की दिल्ली यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 2030 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को दोहराया — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि यह लक्ष्य इससे पहले भी हासिल किया जा सकता है।

SCO में त्रिपक्षीय बातचीत
इस साल की शुरुआत में पुतिन, मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन में हुए SCO शिखर सम्मेलन में मुलाकात की थी। यूरेशिया के सबसे बड़े सुरक्षा मंच SCO के नेताओं ने शी जिनपिंग की ग्लोबल गवर्नेंस पहल का समर्थन भी किया, जो अंतरराष्ट्रीय कानून, बहुपक्षवाद, और सभी देशों की समान भागीदारी पर जोर देती है।

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