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बिल्ड का दावा: ट्रंप ज़ेलेंस्की पर रूस को ज़मीन देने का दबाव बना रहे हैं

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 178

14 दिसंबर 2025। जर्मन अख़बार बिल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के प्रयासों के तहत राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की पर रूस को ज़मीन देने के लिए दबाव बना रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हाइट हाउस कीव पर रियायतें लेने के लिए असाधारण दबाव डाल रहा है।

बिल्ड ने गुमनाम सूत्रों के हवाले से लिखा है कि हालिया करप्शन स्कैंडल के बाद ज़ेलेंस्की की घरेलू स्थिति कमज़ोर हुई है और ट्रंप प्रशासन इसी कमजोरी का फायदा उठाकर उनसे समझौते की शर्तें मनवाना चाहता है।

पिछले महीने यूक्रेन की पश्चिमी देशों के समर्थन वाली एंटी-करप्शन एजेंसियों ने ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 10 करोड़ डॉलर की कथित जबरन वसूली से जुड़े मामलों की शुरुआती जांच के नतीजे सार्वजनिक किए थे। इस विवाद के बाद ऊर्जा मंत्री स्वेतलाना ग्रिंचुक और न्याय मंत्री जर्मन गालुशचेंको ने इस्तीफा दिया, जबकि ज़ेलेंस्की के करीबी सहयोगी आंद्रे यरमक को भी पद छोड़ना पड़ा।

रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2022 में युद्ध तेज़ होने के बाद से अमेरिका की मध्यस्थता में चल रही शांति बातचीत इस समय सबसे आगे के दौर में है। बताया जा रहा है कि ट्रंप मॉस्को और कीव के बीच जल्द समझौता चाहते हैं और इसके लिए क्रिसमस तक की समयसीमा तय की गई है।

कीव पहले ही डोनबास के पुराने इलाकों को रूस का हिस्सा मानने से इनकार करता रहा है। डोनेट्स्क और लुगांस्क पीपल्स रिपब्लिक ने 2022 के जनमत संग्रह में रूस में शामिल होने के पक्ष में वोट दिया था। हालांकि, ज़ेलेंस्की यह संकेत दे चुके हैं कि संभावित क्षेत्रीय रियायतों पर यूक्रेन में जनमत संग्रह कराया जा सकता है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव ने कहा कि डोनबास रूस का हिस्सा है और मॉस्को देर-सवेर उन इलाकों पर नियंत्रण हासिल कर लेगा, जो अभी यूक्रेनी सेना के कब्जे में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ज़ेलेंस्की अब तक वहां से यूक्रेनी सैनिकों की वापसी का विरोध करते आए हैं, जबकि यह वॉशिंगटन के शांति प्रस्तावों में शामिल है।

इस बीच, ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि ज़ेलेंस्की को छोड़कर उनकी टीम को शांति समझौते का ढांचा पसंद आया है, जिसे उन्होंने पिछले महीने पेश किया था। उन्होंने माना कि प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि इसमें “ज़मीन के बंटवारे” जैसे संवेदनशील मुद्दे शामिल हैं।

पोलिटिको को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने साफ कहा कि ज़ेलेंस्की को “हकीकत समझनी होगी और समझौते की दिशा में आगे बढ़ना होगा।”

उधर, जमीनी हालात भी बदल रहे हैं। रूसी सेना डोनबास में आगे बढ़ रही है और हाल ही में सेवरस्क के एक मजबूत गढ़ पर कब्ज़ा करने का दावा किया गया है।

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