
8 सितंबर 2025। यूरोपीय संघ ने गूगल पर प्रतिस्पर्धा-विरोधी कानून तोड़ने के आरोप में 2.95 अरब यूरो (करीब 3.5 अरब डॉलर) का भारी जुर्माना ठोका है। यह फैसला अमेरिकी टेक कंपनियों पर यूरोप की बढ़ती सख्ती का नया संकेत माना जा रहा है।
यूरोपीय आयोग का आरोप है कि गूगल ने अपने आकार और ताकत का इस्तेमाल करके ऑनलाइन विज्ञापन कारोबार में दबदबा बनाया और प्रतिस्पर्धियों को नुकसान पहुँचाया। 2021 से चल रही जाँच के बाद आयोग ने गूगल को आदेश दिया है कि वह अपनी “स्व-वरीयता प्रथाओं” को खत्म करे और हितों के टकराव से बचने के लिए कदम उठाए।
आयोग की कार्यकारी उपाध्यक्ष टेरेसा रिबेरा ने चेतावनी दी कि गूगल को 60 दिनों में एक व्यवहारिक समाधान योजना पेश करनी होगी, वरना कड़े कदम उठाए जाएंगे। उनका कहना है कि संभव है, गूगल को अपने एडटेक कारोबार का कुछ हिस्सा बेचना पड़े।
रिबेरा ने यह भी दावा किया कि गूगल की नीतियों से विज्ञापन लागत उपभोक्ताओं पर डाली गई और प्रकाशकों की आय घटी, जिसके चलते यूरोपीय ग्राहकों को महंगी सदस्यताएँ और कम गुणवत्ता वाली सेवाएँ मिलीं।
इस बीच, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस कार्रवाई पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि अमेरिकी टेक कंपनियों को नियंत्रित करना अमेरिका का काम है, यूरोप का नहीं।
"Very unfair, and the American Taxpayer will not stand for it! As I have said before, my Administration will NOT allow these discriminatory actions to stand." - President Donald J. Trump pic.twitter.com/ZIU7VXTgfi
— The White House (@WhiteHouse) September 5, 2025
गूगल ने आयोग के फैसले को “गलत” बताते हुए अपील करने की घोषणा की है। कंपनी की ग्लोबल रेगुलेटरी हेड ली-ऐन मुलहोलैंड ने कहा, “यह अनुचित जुर्माना है और इसके चलते हजारों यूरोपीय व्यवसायों की कमाई प्रभावित होगी। हमारी सेवाओं में कोई प्रतिस्पर्धा-विरोधी भावना नहीं है, बल्कि विकल्प पहले से अधिक मौजूद हैं।”
यह चौथी बार है जब यूरोपीय संघ ने गूगल को प्रतिस्पर्धा-विरोधी उल्लंघनों पर दंडित किया है। साथ ही अमेरिका में भी कंपनी के खिलाफ दो बड़े मामले चल रहे हैं। इनमें से एक केस गूगल को अपने AdX और DFP प्लेटफ़ॉर्म बेचने पर केंद्रित है।
हाल ही में अमेरिकी अदालत ने गूगल को राहत देते हुए कहा कि उसे अपना क्रोम ब्राउज़र या एंड्रॉइड सिस्टम बेचने की ज़रूरत नहीं है, बशर्ते वह डेटा साझा करे।
यूरोप में गूगल की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। इस हफ़्ते की शुरुआत में ही फ्रांसीसी नियामकों ने कंपनी पर कुकी नियमों का उल्लंघन करने के लिए 325 मिलियन यूरो (379 मिलियन डॉलर) का अलग जुर्माना भी लगाया।