साइबर पुलिस ने जारी की चेतावनी – कॉल फ़ॉरवर्डिंग से जुड़ा नया स्कैम बढ़ा रहा खतरा
30 अक्टूबर 2025। देशभर में साइबर ठग अब कॉल फ़ॉरवर्डिंग फीचर का दुरुपयोग करके लोगों के फ़ोन, बैंक अकाउंट और व्हाट्सएप तक पहुंच बना रहे हैं। साइबर पुलिस ने इस नए और खतरनाक स्कैम को लेकर चेतावनी जारी की है, जिसमें ठग “21#” या अन्य कोड डायल करवाकर पीड़ित का पूरा डिजिटल नियंत्रण अपने हाथ में ले लेते हैं।
कैसे काम करता है यह स्कैम
ठग खुद को बैंक, मोबाइल कंपनी या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर कॉल करते हैं। वे किसी तकनीकी या खाते से जुड़ी समस्या का बहाना बनाकर कहते हैं—“21# डायल कीजिए, आपकी दिक्कत हल हो जाएगी।”
लेकिन जैसे ही व्यक्ति यह कोड डायल करता है, उसके फ़ोन से आने वाली सभी कॉल और एसएमएस अपने आप ठग के नंबर पर फ़ॉरवर्ड हो जाते हैं।
इससे ठगों को पीड़ित के ओटीपी, बैंक अलर्ट, व्हाट्सएप और सोशल मीडिया वेरिफिकेशन कोड तक पहुँच मिल जाती है। फिर वे उसी एक्सेस का उपयोग कर पीड़ित के खातों में घुसपैठ करते हैं या उनके नाम से दोस्तों और परिवार से पैसे मांगते हैं।
साइबर पुलिस की सलाह
अधिकारियों का कहना है कि यह स्कैम बेहद चालाकी से डिज़ाइन किया गया है, और एक बार कॉल फ़ॉरवर्डिंग एक्टिव होने पर ठग बिना किसी तकनीकी हैकिंग के ही पूरा एक्सेस हासिल कर लेते हैं।
पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि जागरूकता ही इससे बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
सावधानी बरतें
किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर 21# या कोई अन्य कोड डायल न करें।
ओटीपी, बैंक डिटेल या पासवर्ड कभी साझा न करें।
संदिग्ध कॉल या संदेशों को तुरंत ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें।
अपनी कॉल फ़ॉरवर्डिंग सेटिंग्स नियमित रूप से जांचें।
यदि शक हो कि कॉल या संदेश किसी और नंबर पर जा रहे हैं, तो ##21# डायल करें — यह कोड सभी फ़ॉरवर्डिंग सेवाएं बंद कर देता है।
क्या करें अगर फंस गए हैं
अगर आपको लगे कि आपके कॉल या मैसेज आपकी जानकारी के बिना फ़ॉरवर्ड हो रहे हैं, तो तुरंत:
अपने बैंक को सूचित करें और पासवर्ड बदलें।
पास के पुलिस स्टेशन या साइबर अपराध शाखा से संपर्क करें।
राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 या भोपाल साइबर हेल्पलाइन 9479990636 पर कॉल करें।
या ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें: www.cybercrime.gov.in
साइबर चेतावनी: बैंक, मोबाइल कंपनी या कोई सरकारी एजेंसी आपसे कभी भी कोई कोड डायल करने या ओटीपी साझा करने को नहीं कहती। एक छोटी सी गलती आपके पूरे डिजिटल जीवन को खतरे में डाल सकती है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।














