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गूगल पर एआई से यूजर्स की जासूसी का आरोप, अदालत में दायर हुआ मुकदमा

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 206

14 नवंबर 2025। कैलिफ़ोर्निया की एक संघीय अदालत में गूगल के खिलाफ नया मुकदमा दायर हुआ है, जिसमें कंपनी पर अपने एआई असिस्टेंट Gemini का इस्तेमाल कर यूजर्स की जासूसी करने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि गूगल ने बिना अनुमति के Gmail, Chat और Meet सेवाओं से यूजर्स के निजी डेटा को इकट्ठा किया।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मुकदमे में कहा गया है कि गूगल ने शुरू में इन सेवाओं पर Gemini का इस्तेमाल वैकल्पिक रखा था, लेकिन अक्टूबर 2025 में “चुपचाप” उसे यूजर्स की ईमेल, चैट और वीडियो कॉल तक पहुंच की अनुमति दे दी। शिकायत के मुताबिक, इस कदम से कंपनी को “यूजर्स की जानकारी या सहमति के बिना” उनके निजी संचार का डेटा इकट्ठा करने की छूट मिल गई।

याचिका में दावा किया गया है कि गूगल यूजर्स को एआई असिस्टेंट को बंद करने का विकल्प तो देता है, लेकिन इसके लिए जटिल प्राइवेसी सेटिंग्स में जाना पड़ता है। जब तक यूजर्स ऐसा नहीं करते, Gemini उनके जीमेल अकाउंट में मौजूद ईमेल, अटैचमेंट और चैट इतिहास तक पहुंचकर डेटा का विश्लेषण कर सकता है।

मुकदमे में यह भी आरोप है कि गूगल ने California Invasion of Privacy Act (1967) का उल्लंघन किया है — यह कानून बिना सहमति के निजी संचार की वायरटैपिंग और रिकॉर्डिंग पर रोक लगाता है।

गूगल का Gemini एआई मॉडल परिवार है, जिसे इसकी डीपमाइंड इकाई ने 2023 में लॉन्च किया था। यह टेक्स्ट, कोड, ऑडियो और वीडियो जैसे मल्टीमॉडल डेटा को प्रोसेस और जनरेट करने के लिए बनाया गया है। कंपनी ने इसके कई संस्करण जारी किए हैं — Ultra (जटिल कार्यों के लिए), Pro (सामान्य उपयोग के लिए), और Nano (डिवाइस पर इस्तेमाल के लिए)।

हालांकि, Gemini शुरुआत से ही विवादों में रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया था कि 20 से अधिक देशों के हैकर्स ने साइबर हमलों की तैयारी के लिए इस चैटबॉट का इस्तेमाल किया।

यह मामला गूगल की गोपनीयता नीतियों पर उठे पहले विवादों में से नहीं है। सितंबर 2025 में कंपनी को एक पुराने सामूहिक मुकदमे के निपटारे में 425.7 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया था। उस मुकदमे में आरोप था कि गूगल ने 2016 से ही तृतीय-पक्ष ऐप्स के यूजर्स से डेटा जुटाया, जबकि ट्रैकिंग सेटिंग्स बंद थीं। अदालत ने उस मामले में गोपनीयता उल्लंघन के दावे को सही माना था, हालांकि गूगल को कंप्यूटर धोखाधड़ी के आरोप से बरी कर दिया गया था।

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