25 अक्टूबर 2025। भारत के किशोरों और युवाओं के लिए अब एक बड़ा अवसर है—“ग्लोबल यूथ एआई चैलेंज” में हिस्सा लेकर वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से वास्तविक सामाजिक समस्याओं के समाधान पेश कर सकते हैं।
यह पहल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है, जिसमें 13 से 21 वर्ष की आयु के प्रतिभागी हिस्सा ले सकते हैं। यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) ने भी इस प्रतियोगिता का समर्थन किया है।
उद्देश्य
प्रतियोगिता का मकसद युवाओं को एआई के जरिये समाज में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है—चाहे वह बुजुर्गों की सहायता हो, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, प्रदूषण नियंत्रण या कृषि को आसान बनाना।
प्रक्रिया
प्रतिभागियों को पहले किसी वास्तविक सामाजिक समस्या की पहचान करनी होगी और फिर एआई आधारित समाधान तैयार करना होगा—जैसे कोई ऐप, टूल या तकनीकी मॉडल। चयनित टीमों को ऑनलाइन बूटकैंप और कार्यशालाओं में विशेषज्ञों से मार्गदर्शन मिलेगा ताकि वे अपने विचारों को और बेहतर बना सकें।
फाइनल और पुरस्कार
शीर्ष 20 परियोजनाओं का प्रदर्शन 19-20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में होने वाले इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट में किया जाएगा, जहाँ प्रधानमंत्री की उपस्थिति में विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
विजेताओं को 85 लाख रुपये तक के पुरस्कार, प्रमाणपत्र और आगे के निवेश या प्रशिक्षण के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
मुख्य तिथियाँ
आवेदन शुरू: 1 अक्टूबर 2025
अंतिम तिथि: 31 अक्टूबर 2025
स्क्रीनिंग और जूरी मूल्यांकन: नवंबर 2025
कार्यशालाएँ और बूटकैंप: नवंबर 2025
द्वितीय चरण प्रस्तुतियाँ: 7 दिसंबर 2025
वर्चुअल साक्षात्कार: दिसंबर 2025
शीर्ष 20 फाइनलिस्ट की घोषणा: 31 दिसंबर 2025
फाइनल कार्यक्रम और विजेताओं की घोषणा: 16–20 फरवरी 2026
यह चैलेंज युवाओं के लिए सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एआई के जरिये समाज में वास्तविक बदलाव लाने का मौका है।














