8 दिसंबर 2025। Google DeepMind के CEO डेमिस हसाबिस ने कहा है कि आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस अगले पाँच से दस साल में हकीकत बन सकता है। लेकिन साथ ही उन्होंने साफ़ चेताया कि इस दौड़ में आने वाले साल “खतरनाक नतीजे” ला सकते हैं—खासकर साइबर अटैक और अहम इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमलों के रूप में।
सैन फ्रांसिस्को में Axios AI+ Summit में बोलते हुए हसाबिस ने AGI को ऐसा सिस्टम बताया जो इंसानी दिमाग की तरह सोच सके, प्लान कर सके, सीख सके और क्रिएटिव भी हो। उनके मुताबिक आज के बड़े AI मॉडल अभी भी “जैग्ड इंटेलिजेंस” हैं—मतलब कई जगह तेज़, लेकिन गहराई और लगातार सीखने की क्षमता अभी सीमित है।
हसाबिस ने कहा कि कुछ और बड़ी तकनीकी ब्रेकथ्रू मिल जाएँ तो AGI का आना तेज़ी से नज़दीक आ जाएगा। लेकिन उससे पहले ही रिस्क असली हैं। उन्होंने खास तौर पर एनर्जी ग्रिड और वाटर सप्लाई जैसे क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर साइबर अटैक को सबसे बड़ा खतरा बताया।
उनका कहना था, “यह सब लगभग अभी हो ही रहा है… सिर्फ़ बहुत एडवांस्ड AI के साथ नहीं।” उनका इशारा उन मैलिशियस एक्टर्स, ऑटोनॉमस एजेंट्स और लक्ष्य से भटकते सिस्टम्स की तरफ था, जिन्हें रोकना अब सबसे जरूरी काम है।
हसाबिस की चेतावनी उस बढ़ती चिंता से मेल खाती है जो टेक दुनिया में तेज़ी से फैल रही है। हाल ही में जारी एक खुले पत्र में कई प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और उद्योग नेताओं—जिनमें स्टीव वोज़्नियाक, जेफ्री हिंटन, योशुआ बेंगियो और रिचर्ड ब्रैनसन शामिल हैं—ने सुपरइंटेलिजेंट AI को इंसानी स्वतंत्रता और अस्तित्व के लिए खतरा बताते हुए ग्लोबल मोरटोरियम की माँग की है।
हालाँकि सभी लोग इतने नकारात्मक नहीं हैं। एलन मस्क ने दावा किया है कि आने वाले 10–20 वर्षों में AI और रोबोटिक्स इतना आगे बढ़ जाएगा कि काम करना इंसानों के लिए “चॉइस” बन जाएगा और AI-ड्रिवन दुनिया में करेंसी की भूमिका भी बदल सकती है।
तकनीक कहाँ तक जाएगी, इसका सटीक जवाब कोई नहीं दे सकता। लेकिन एक बात तय है—AGI की दौड़ में दुनिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है और खतरे अब सिर्फ़ साइंस फिक्शन की कहानियाँ नहीं रहे।














