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गूगल क्लाउड: 2026 तक एआई साइबर अपराधों का संचालन करेगा, हमलावर और रक्षक दोनों वही टूल अपनाएँगे

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1906

11 नवंबर 2025। गूगल क्लाउड की रिपोर्ट चेतावनी देती है कि 2026 तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) साइबर खतरे का केंद्र बन जाएगा — न सिर्फ हमलावरों को सहारा दे रहा होगा, बल्कि कई हमलों का पूरा संचालन एआई-चालित सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्य बातें
रिपोर्ट कहती है कि हमलावर और सुरक्षा पेशेवर दोनों एआई की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन गति और प्रभाव में हमलावरों को बढ़त मिलने की आशंका है।

अगले साल के भीतर हमलावर एआई का उपयोग करके अपनी गतिविधियों की गति, दायरा और प्रभावशीलता बढ़ा देंगे — सोशल इंजीनियरिंग, सूचना अभियान और मैलवेयर विकास सहित।

हमलावर पूरे अभियान को ऑटोमेट कर सकते हैं: कोड लिखने से लेकर फ़िशिंग ईमेल भेजने और मैलवेयर को सेकंडों में बदलने तक ऐसे सिस्टम जो स्वयं सीखते और अनुकूलित होते हैं।

एजेंटिक एआई सिस्टम हमलों के जीवनचक्र के कई चरणों को स्वचालित करके हमलों को अधिक सुव्यवस्थित और व्यापक बना सकते हैं।

प्रॉम्प्ट इंजेक्शन जैसे नए खतरे बढ़ेंगे, जहां हमलावर एआई मॉडल को उसके सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश करते हैं। मॉडल खुद सीधे निशाने पर भी आ सकते हैं।

सोशल इंजीनियरिंग—लक्ष्य को धोखा देकर सिस्टम के बजाय लोगों को छलना—एआई के साथ और भी कठिन पहचान में रहेगा। रिपोर्ट ने 2025 के उदाहरण के रूप में वॉयस फ़िशिंग (विशिंग) को सफल रणनीति बताया है, जिसमें एआई-निर्मित वॉइस क्लोनिंग का उपयोग कर के अधिक विश्वसनीय नक़ल की जा रही है।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि हमलावर एआई-जनित सामग्री के भीतर छिपे दुर्भावनापूर्ण निर्देशों का इस्तेमाल कर रैंसमवेयर फैलाने के नए तरीके अपना रहे हैं, जिससे लक्ष्य अनजाने में नुकसानदेह आदेश चला बैठता है।

गूगल क्लाउड की प्रतिक्रिया
गूगल क्लाउड ने बताया है कि यह खतरा भविष्य की बात ही नहीं, वर्तमान की वास्तविकता है और 2026 तक इन प्रकार के हमलों में तेज़ी की उम्मीद है। कंपनी सुरक्षा के लिए बहु-स्तरीय उपाय बता रही है, जिनमें शामिल हैं: मशीन लर्निंग-आधारित कंटेंट क्लासिफायर जो अविश्वसनीय डेटा से खराब निर्देशों को फिल्टर करे; मॉडल को उपयोगकर्ता के इरादे पर केंद्रित रखने के लिए सुरक्षा सुदृढीकरण; और उच्च जोखिम वाली क्रियाओं के लिए आउटपुट सैनिटाइजेशन तथा उपयोगकर्ता पुष्टिकरण।

रिपोर्ट का निष्कर्ष स्पष्ट है — 2026 में रैंसमवेयर, डेटा चोरी और बहुआयामी जबरन वसूली वाला हमला (multi-faceted extortion) वैश्विक स्तर पर साइबर अपराधों की सबसे अधिक आर्थिक रूप से विनाशकारी श्रेणी बना रहेगा। साथ ही, जैसे-जैसे व्यापार और संस्थाएँ शक्तिशाली एआई मॉडलों को रोज़मर्रा के कामों में मिलाएँगी, प्रॉम्प्ट इंजेक्शन और एआई-संचालित सोशल इंजीनियरिंग के खतरे और भी बढ़ते चले जाएंगे।

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