
11 सितम्बर 2025। हिंदी दिवस (14 सितम्बर) से लेकर अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस (30 सितम्बर) तक दुनिया भर में हिंदी का एक बड़ा सांस्कृतिक–शैक्षणिक उत्सव मनाया जाएगा। विश्व रंग फाउंडेशन (भारत), रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल और वनमाली सृजन पीठ के संयुक्त तत्वावधान में विश्व रंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड 2025 का आयोजन भारत सहित 65 देशों में किया जा रहा है।
गुरुवार को पलाश रेसिडेंसी, भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता में इस आयोजन की रूपरेखा साझा की गई। इस अवसर पर रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और विश्व रंग निदेशक संतोष चौबे, विश्वविद्यालय की प्रो. चांसलर डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. अमिताभ सक्सेना, टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र के निदेशक डॉ. जवाहर कर्नावट और टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला केंद्र के निदेशक विनय उपाध्याय उपस्थित रहे।
विश्व रंग हिंदी ओलंपियाड का औपचारिक उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 15 सितम्बर को इसकी वेबसाइट के शुभारंभ के साथ किया जाएगा।
हिंदी की स्थिति पर चिंता
इस मौके पर प्रतिवाद के सवाल पर संतोष चौबे ने सोशल मीडिया में हिंदी के स्वरूप पर चिंता जताई। उन्होंने कहा— “सोशल मीडिया में हिंदी जिस रूप में देखने को मिल रही है, वह चिंताजनक है। इस पर विशेष रूप से चिंतन और सुधार की आवश्यकता है।”
65 देशों में होगा आयोजन
चौबे ने बताया कि ओलंपियाड दुनिया के उन सभी लोगों को एक मंच पर लाएगा जो हिंदी पढ़ते, लिखते और बोलते हैं। भारत में कक्षा 1 से स्नातकोत्तर तक और विदेशों में लेवल 1 से 6 तक के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसे अब तक का सबसे बड़ा सांस्कृतिक–शैक्षणिक अभियान माना जा रहा है। विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।
श्रीलंका सम्मेलन
विश्व रंग का अंतरराष्ट्रीय चैप्टर विश्व रंग श्रीलंका 2025 का आयोजन 29–30 सितम्बर को कोलंबो में होगा। इसमें भारत सहित दक्षिण और दक्षिण–पूर्व एशियाई देशों के साहित्यकार, प्रोफेसर और विद्यार्थी शामिल होंगे। स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केन्द्र, भारतीय उच्चायोग, कोलंबो इसका सह–आयोजक है। इस सम्मेलन का मुख्य विषय होगा — “दक्षिण एवं दक्षिण–पूर्व एशियाई देशों में सांस्कृतिक समन्वय के आधार।” उद्घाटन वक्तव्य प्रख्यात चिंतक पवन वर्मा देंगे। साथ ही भाषाई संवाद, सांस्कृतिक विमर्श और कवि सम्मेलन भी होंगे।
पुस्तक यात्रा: गाँव–गाँव तक हिंदी
विश्व रंग की परंपरा के तहत इस बार विश्व रंग पुस्तक यात्रा का आयोजन 2 अक्टूबर से किया जाएगा। यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड के 125 जिलों, 250 विकासखंडों और 700 ग्राम पंचायतों तक पहुँचेगी। यात्रा के दौरान पुस्तक प्रदर्शनियाँ, आज़ादी के नायकों और महिला स्वतंत्रता सेनानियों पर विशेष प्रदर्शनी, वैज्ञानिकों पर आधारित प्रदर्शनियाँ और रचनात्मक प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी।
यात्रा का उद्देश्य पुस्तक संस्कृति को समाज के सभी वर्गों — बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और थर्ड जेंडर समुदाय — तक पहुँचाना है। इससे पहले की पुस्तक यात्राओं ने जेलों, वृद्धाश्रमों और दूरस्थ अंचलों तक जाकर सांस्कृतिक चेतना जगाई थी।