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भारत ने स्विट्ज़रलैंड को नसीहत दी, नस्लवाद और भेदभाव से निपटने में मदद की पेशकश

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 375

12 सितंबर 2025। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में अल्पसंख्यक अधिकारों पर स्विट्ज़रलैंड की आलोचना का जवाब देते हुए भारत ने पलटवार किया और कहा कि स्विस सरकार को अपने देश में नस्लवाद, विदेशी-द्वेष और व्यवस्थित भेदभाव जैसी समस्याओं से निपटने पर ध्यान देना चाहिए।

भारत ने यहां तक कहा कि एक बड़े और विविध लोकतंत्र के तौर पर वह स्विट्ज़रलैंड को इन चुनौतियों से निपटने में मदद देने के लिए तैयार है।

यूएनएचआरसी में तनातनी

जिनेवा में परिषद के 60वें सत्र के दौरान स्विस प्रतिनिधियों ने भारत से आग्रह किया कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करे और अभिव्यक्ति व मीडिया की स्वतंत्रता को मज़बूती दे।

इस पर भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार क्षितिज त्यागी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये टिप्पणियां “आश्चर्यजनक, सतही और गलत जानकारी पर आधारित” हैं।

त्यागी ने चेताया कि, “चूँकि स्विट्ज़रलैंड इस समय यूएनएचआरसी का अध्यक्ष है, इसलिए उसे परिषद का समय ऐसे झूठे और भारत की वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले बयानों पर बर्बाद नहीं करना चाहिए।”

स्विट्ज़रलैंड के अपने विवाद

भारत ने याद दिलाया कि स्विट्ज़रलैंड को खुद नस्लवाद और ज़ेनोफ़ोबिया की गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के तौर पर, इस साल की शुरुआत में वहाँ नया कानून लागू हुआ है जो सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर रोक लगाता है। यह कानून मुस्लिम महिलाओं के बुर्का और नकाब समेत प्रदर्शनकारियों और खेल प्रशंसकों द्वारा पहने जाने वाले मुखौटों और बालाक्लाव पर भी लागू होता है।

इस प्रतिबंध को 2021 के जनमत संग्रह में बहुमत का समर्थन मिला था, लेकिन इसे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ़ भेदभावपूर्ण माना जा रहा है।

भारत का रुख

भारत ने जोर देकर कहा कि वह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे विविध लोकतंत्र है, जहाँ बहुलवाद को गहराई से अपनाया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, देश की 14.2% आबादी मुस्लिम है, जो इसे इस्लाम के सबसे बड़े केंद्रों में से एक बनाता है।

भारत का संदेश साफ़ था: पहले अपने घर की सफाई करो, फिर दूसरों को नसीहत दो।

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