
17 सितंबर 2025। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि GST सुधार के बाद रूफटॉप सौर सिस्टम की कीमतों में बड़ी कमी आएगी। अब 12% की जगह केवल 5% GST लगेगा, जिससे 3 किलोवाट क्षमता वाले सिस्टम की कीमत करीब 9,000 से 10,500 रुपये तक घट जाएगी।
सरकार का मानना है कि इस कदम से लाखों परिवारों के लिए सौर ऊर्जा अपनाना आसान होगा और ‘पीएम सूर्य घर’ मुफ़्त बिजली योजना को तेज़ी मिलेगी। सस्ती लागत से घरों, किसानों, उद्योगों और डेवलपर्स सभी को फायदा होगा।
बड़े प्रोजेक्ट्स पर असर
उपयोगिता-स्तर की सौर परियोजनाओं (3.5–4 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट) में अब 20–25 लाख रुपये प्रति मेगावाट तक की बचत होगी।
500 मेगावाट के सोलर पार्क पर कुल लागत में 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आएगी।
बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर वित्तीय दबाव घटेगा और देशभर में बिजली खरीद पर सालाना 2,000–3,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
किसानों को लाभ
पीएम-कुसुम योजना के तहत 5 HP के सोलर पंप, जिनकी लागत लगभग 2.5 लाख रुपये है, अब 17,500 रुपये सस्ते हो जाएंगे। देशभर में 10 लाख पंपों के स्तर पर किसानों को करीब 1,750 करोड़ रुपये की सामूहिक बचत होगी।
स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा
GST में कमी से मॉड्यूल और कम्पोनेंट्स की लागत 3–4% घटेगी, जिससे घरेलू निर्माताओं की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को मजबूती देगा। भारत का लक्ष्य 2030 तक 100 गीगावाट सौर मैन्युफैक्चरिंग क्षमता हासिल करना है। मंत्रालय का अनुमान है कि हर 1 गीगावाट क्षमता से 5,000 नौकरियां पैदा होती हैं। इस सुधार से अगले दशक में 5–7 लाख रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।
मंत्रालय ने कहा कि GST कटौती से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, बिजली खरीद समझौतों पर तेज़ी से हस्ताक्षर होंगे और परियोजनाएं जल्दी शुरू की जा सकेंगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं को सस्ती और स्वच्छ बिजली मिलेगी, बल्कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र की स्थिरता भी मज़बूत होगी।