
18 सितंबर 2025। हिंदू उत्सव समिति ने घोषणा की है कि नवरात्रि के गरबा कार्यक्रमों में अन्य धर्मों के लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। समिति का कहना है कि आयोजन को पूरी तरह धार्मिक स्वरूप में रखने के लिए सभी प्रतिभागियों के आधार कार्ड की जांच, पूजा-अर्चना और पंचगव्य का उपयोग अनिवार्य होगा।
समिति अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी गैर-हिंदू को किसी रूप में – चाहे वह प्रतिभागी, ट्रेनर, सेवा प्रदाता या सुरक्षा कर्मी ही क्यों न हो – प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह कदम “लव जिहाद रोकने” और धार्मिक शुद्धता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
आयोजकों को निर्देश दिए गए हैं कि कार्यक्रम स्थल पर हर प्रतिभागी से पहले माता दुर्गा की पूजा और आरती कराई जाए। तिवारी ने कहा, “जो लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते, वे स्वाभाविक रूप से दूर रहेंगे।” इसके अलावा, सभी को पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर का मिश्रण) ग्रहण करना होगा।
समिति ने महिलाओं के पहनावे और संगीत पर भी नियम तय किए हैं। तिवारी ने कहा, “महिलाएं सादे कपड़े पहनें, शरीर पूरी तरह ढका रहे। यह कोई फैशन शो नहीं है।” आयोजन में केवल भक्ति गीत बजेंगे और दुर्गा चालीसा का पाठ अनिवार्य होगा।
भोजपाल गरबा उत्सव समिति के सुनील यादव ने बताया कि 23 से 29 सितंबर तक जंबोरे मैदान में होने वाले गरबा में प्रतिभागियों के पहचान पत्र की जांच की जाएगी। सभी को रक्षासूत्र बांधा जाएगा और माथे पर तिलक लगाया जाएगा।
गुफा मंदिर के पास संभवी गरबा की आयोजक रेखा शर्मा ने कहा कि 26 से 29 सितंबर तक होने वाले आयोजन में केवल “सच्चे भक्तों” को ही अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न भी होगा।