
25 सितंबर 2025। भारत अपनी एयर पावर बढ़ाने की दिशा में रूस के साथ नई साझेदारी पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई दिल्ली रूस से दो स्क्वाड्रन सुखोई सु-57 फाइटर जेट खरीद सकती है और साथ ही इन विमानों को भारत में बनाने के रूसी प्रस्ताव का अध्ययन कर रही है।
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्ताव पहले के समझौतों जैसा है, जिनके तहत भारत में मिग और सु-30 एमकेआई जेट तैयार किए गए थे। अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) रूस की कंपनी के साथ मिलकर इन फाइटर जेट्स का निर्माण करेगी।
डिलीवरी और उत्पादन की योजना
सूत्रों का कहना है कि शुरुआती दो स्क्वाड्रन तैयार हालत में भारत को मिलेंगे। इसके बाद HAL अपनी नासिक सुविधा में 3 से 5 स्क्वाड्रन का उत्पादन भारत में कर सकती है।
MRFA प्रोग्राम से अलग
यह योजना अभी शुरुआती चरण में है और भारतीय वायु सेना (IAF) के MRFA प्रोग्राम से अलग है। MRFA के तहत, IAF ने फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन के राफेल विमान की सिफारिश की है।
स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजना
भारत पहले से ही अपने एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) पर काम कर रहा है। मई में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 175 मिलियन डॉलर के निवेश से AMCA विकसित करने के "एग्जीक्यूशन मॉडल" को मंजूरी दी थी। यह एक सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन, स्टेल्थ मल्टी-रोल फाइटर है, जिसे हवाई श्रेष्ठता, ग्राउंड अटैक, दुश्मन की एयर डिफेंस को ध्वस्त करने और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसे मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है।
इसके अलावा, पिछले महीने सरकार ने स्वदेशी लड़ाकू विमानों के लिए लगभग 7.6 बिलियन डॉलर के सौदे को भी मंजूरी दी थी।