
26 सितंबर 2025। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को ऐलान किया कि वायुसेना के लिए 97 तेजस Mk-1A हल्के लड़ाकू विमानों (LCA) की खरीद को मंजूरी मिल गई है। इसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 7.1 अरब डॉलर का अनुबंध किया गया है। यह स्वदेशी लड़ाकू विमानों की अब तक की सबसे बड़ी खरीद है।
कब और कितने विमान मिलेंगे?
ऑर्डर में 68 सिंगल-सीट जेट और 29 दो-सीट ट्रेनर शामिल हैं। डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी और छह साल में पूरी हो जाएगी।
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा
तेजस कार्यक्रम ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का अहम हिस्सा है। विमानों में 64% स्वदेशी पुर्जे होंगे और 105 भारतीय कंपनियां इस प्रोजेक्ट से सीधे जुड़ी हैं।
उन्नत तकनीक से लैस
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि विमानों में अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक जैसे उत्तम AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और नए कंट्रोल एक्ट्यूएटर्स लगाए जाएंगे। इससे भारत की आत्मनिर्भरता पहल और मजबूत होगी।
MoD signed a contract with @HALHQBLR for 97 LCA Mk1A aircraft (68 Fighters & 29 Twin Seaters) with associated equipment for the IAF at Rs 62,370 Cr (excl. taxes) under Buy (India-IDDM), today in New Delhi. The advanced LCA Mk1A integrates UTTAM AESA #Radar, Swayam Raksha Kavach &… pic.twitter.com/Bwm8WlsITq
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) September 25, 2025
पुराने मिग विमानों की जगह
तेजस Mk-1A वायुसेना में उन मिग लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे, जिन्हें भारत ने दशकों पहले सोवियत संघ और रूस से खरीदा था। वर्तमान में दो Mk-1A जेट एडवांस्ड शॉर्ट-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (ASRAAM) के साथ हथियार परीक्षण से गुजर रहे हैं।
IAF की रीढ़ बनेगा Mk-1A
मंत्रालय के अनुसार, Mk-1A संस्करण अब तक का सबसे उन्नत स्वदेशी लड़ाकू विमान है और वायुसेना की भविष्य की ऑपरेशनल ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
भविष्य की योजनाएं भी तैयार
भारत ने हाल ही में उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के विकास के लिए 175 मिलियन डॉलर की मंजूरी भी दी है। यह मल्टी-रोल स्टेल्थ जेट भविष्य में वायुसेना और नौसेना दोनों के बेड़े को मजबूती देगा।