
28 सितंबर 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ देश और विदेश दोनों मोर्चों पर दबाव बढ़ने की चर्चा हाल ही में सामने आई है। एक वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि मोदी सरकार को हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय शक्तियां और घरेलू विरोधी दल सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
वीडियो के मुताबिक, अमेरिका और यूरोप के कुछ संगठन तथा धार्मिक संस्थाएं मोदी की नीतियों से असहज हैं। इसमें कहा गया कि वेटिकन और मिशनरी समूह सरकार की हिंदुत्व-आधारित छवि को अपने लिए चुनौती मानते हैं। आर्थिक मोर्चे पर भी यह आरोप लगाया गया कि मोदी सरकार घरेलू निवेशकों को प्राथमिकता देकर विदेशी प्रभाव को सीमित कर रही है।
साथ ही, वीडियो में यह दावा किया गया कि प्रधानमंत्री को अमेरिका की किसी बड़ी “गोपनीय योजना” (Secret) का पता चल चुका है, जिससे राजनीतिक गतिविधियां और तेज हो गई हैं। हालांकि इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है और न ही इसके लिए कोई आधिकारिक प्रमाण पेश किया गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की बातें भारतीय राजनीति में पहले से मौजूद ध्रुवीकरण को और गहरा करती हैं। जहां विपक्ष सरकार पर अल्पसंख्यकों की अनदेखी और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर दबाव डालने के आरोप लगाता है, वहीं सरकार खुद को राष्ट्रीय हित और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का पैरोकार बताती है।
फिलहाल, यह बहस सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तेजी से फैल रही है। इन दावों में कितनी सच्चाई है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।