8 अक्टूबर 2025। भारत का डिजिटल नेटवर्क आज पहले से कहीं अधिक बड़ा और सक्रिय है। देश के 86% से ज्यादा घर अब इंटरनेट से जुड़े हैं। डिजिटल इंडिया के इस तेज़ विस्तार ने जहां नागरिकों को सुविधा दी है, वहीं साइबर अपराधों की चुनौतियां भी बढ़ा दी हैं।
तेज़ी से बढ़ रहे साइबर खतरे
भारत में साइबर घटनाएं 2022 में 10.29 लाख से बढ़कर 2024 में 22.68 लाख हो चुकी हैं — यानी दोगुने से ज्यादा। साइबर अपराधों में फिशिंग, डीपफेक, फर्जी ऐप्स और स्पूफिंग जैसी तकनीकें शामिल हैं, जिनसे लाखों लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।
यूपीआई जैसी डिजिटल पेमेंट सेवाएं भी निशाने पर हैं, जिसके लिए सरकार ने वित्तीय धोखाधड़ी जोखिम संकेतक (FRI) प्रणाली लागू की है ताकि संदिग्ध नंबरों की पहचान की जा सके।
सरकार की सख्त कार्रवाई
सरकार ने साइबर धोखाधड़ी से जुड़े 9.42 लाख सिम कार्ड और 2.63 लाख IMEI नंबर ब्लॉक किए हैं।
हेल्पलाइन 1930 नागरिकों को तत्काल साइबर सहायता देती है।
वहीं राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) आम लोगों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है।
कानूनी और सुरक्षा ढांचा
भारत का साइबर सुरक्षा ढांचा अब तीन प्रमुख कानूनों पर टिका है:
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 – ऑनलाइन धोखाधड़ी और डेटा चोरी पर कार्रवाई के लिए।
आईटी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश) नियम, 2021 – सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की जवाबदेही तय करने के लिए।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 – यूज़र्स के डेटा की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए।
इसके अलावा इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) और राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC) जैसी एजेंसियां साइबर खतरों की निगरानी और जवाबी कार्रवाई के लिए सक्रिय हैं।
नए कानून और योजनाएं
ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग धोखाधड़ी को रोकने के लिए ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 पारित किया गया है।
I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) ने अब तक 83,000 से ज्यादा व्हाट्सएप अकाउंट और 3,900 स्काइप आईडी ब्लॉक की हैं।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकने के लिए CCPWC योजना के तहत देशभर में साइबर फोरेंसिक लैब और प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं।
बढ़ता निवेश और साइबर अभ्यास
केंद्रीय बजट 2025-26 में साइबर सुरक्षा परियोजनाओं के लिए 782 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
भारत ने हाल ही में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास 2025 आयोजित किया, जिसमें 600 से अधिक विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
भविष्य की दिशा
सरकार रेडियो, टीवी, मेट्रो घोषणाओं और सोशल मीडिया के जरिए साइबर जागरूकता अभियान चला रही है। छात्रों के लिए साइबर सुरक्षा पुस्तिकाएं प्रकाशित की गई हैं और MyGov प्लेटफॉर्म के जरिए जनता को जोड़ने के प्रयास जारी हैं।
भारत आज डिजिटल क्रांति के साथ-साथ साइबर युद्ध के दौर में भी है। प्रधानमंत्री मोदी का विजन स्पष्ट है – “डिजिटल भारत तभी सफल होगा जब साइबर सुरक्षा इसकी रीढ़ बने।”
सरकार, उद्योग और नागरिकों के संयुक्त प्रयास से ही देश एक सुरक्षित, सक्षम और आत्मनिर्भर साइबर इंडिया बना सकता है।














