
21 अक्टूबर 2025। यूरोप के छोटे देश अल्बानिया ने दुनिया को चौंकाते हुए एक ‘AI मंत्री’ (Artificial Intelligence Minister) नियुक्त किया है। यह कोई इंसान नहीं, बल्कि एक AI-संचालित सिस्टम है, जिसका काम सरकारी भ्रष्टाचार के मामलों की पहचान और रोकथाम करना होगा। यह कदम अल्बानिया को उन कुछ देशों की सूची में लाता है जिन्होंने शासन व्यवस्था में औपचारिक रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मंत्री पद दिया है।
सरकार के मुताबिक, यह AI मंत्री सरकारी फंड ट्रांजेक्शन, प्रशासनिक रिकॉर्ड, और सार्वजनिक ठेकों के डेटा को लगातार स्कैन करेगा। किसी भी संदिग्ध गतिविधि या गड़बड़ी की रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय तक जाएगी।
प्रधानमंत्री एडी रामा ने कहा, “हम इंसानों की जगह नहीं ले रहे, बल्कि उन्हें ईमानदार बना रहे हैं। यह AI मंत्री पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
अल्बानिया का यह प्रयोग डिजिटल गवर्नेंस में एक नई दिशा दिखा रहा है — और भारत जैसे बड़े लोकतंत्र के लिए भी यह एक संकेत है। भारत में ई-गवर्नेंस, डिजिटल इंडिया, और AI फॉर गवर्नेंस जैसे अभियानों के तहत पहले से ही डेटा-आधारित नीतियाँ और निगरानी प्रणालियाँ अपनाई जा रही हैं। लेकिन अल्बानिया का यह कदम एक “AI-सक्षम एंटी-करप्शन सिस्टम” के रूप में एक अगला तार्किक कदम माना जा सकता है।
अगर यह मॉडल सफल होता है, तो भारत में भी केंद्रीय या राज्य स्तर पर AI-आधारित मंत्री या निगरानी तंत्र लागू किए जा सकते हैं — जो सरकारी खर्च, फंड आवंटन और परियोजनाओं की पारदर्शिता पर सीधी नजर रख सकें।
अल्बानिया ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दुनिया का पहला AI मंत्री नियुक्त किया।
यह मंत्री एक AI सिस्टम है, जो सरकारी लेन-देन और फैसलों की निगरानी करेगा।
प्रधानमंत्री का दावा — “AI से बढ़ेगी ईमानदारी, घटेगा भ्रष्टाचार।”
विशेषज्ञों का मानना है — अगर यह प्रयोग सफल होता है, तो भारत समेत अन्य देश भी इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।