दिल्ली: 23 अक्टूबर 2024। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करते हुए भारत और रूस के बीच "गहरी मित्रता और घनिष्ठ समन्वय" की प्रशंसा की।
वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों पर चर्चा की। पुतिन ने इस सहयोग की सराहना करते हुए कहा, "हमारे संसदों के बीच सहयोग मजबूत हो रहा है, हमारे विदेश मंत्रियों का निरंतर संवाद बना हुआ है, और द्विपक्षीय व्यापार भी अच्छी प्रगति कर रहा है।"
पुतिन ने भारतीय-रूसी सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि रूस, ब्रिक्स के भीतर भारत के साथ बढ़ते सहयोग को अत्यधिक महत्व देता है, क्योंकि दोनों देश इसके संस्थापक सदस्य हैं। मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा, "हमारे संबंध इतने मजबूत हैं कि मुझे लगा आप बिना अनुवाद के ही मेरी बात समझ जाएंगे।"
A connect like no other!
— Narendra Modi (@narendramodi) October 22, 2024
Thankful for the welcome in Kazan. The Indian community has distinguished itself all over the world with their accomplishments. Equally gladdening is the popularity of Indian culture globally. pic.twitter.com/5Tc7UAF9z3
इस साल रूस की अपनी दूसरी यात्रा पर आए मोदी ने कहा कि उनकी यात्राएं "हमारे मजबूत समन्वय और गहरे संबंधों" का प्रतीक हैं। उन्होंने इस साल जुलाई में मॉस्को में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि इससे "सभी क्षेत्रों में सहयोग और भी मजबूत हुआ है।" पिछले दो वर्षों में भारत और रूस के बीच व्यापार तीन गुना बढ़कर 65 अरब डॉलर हो गया है, जिसमें भारत द्वारा रूस से ऊर्जा, उर्वरक और कोयला आयात में वृद्धि प्रमुख रही। जुलाई में दोनों नेताओं ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन दोनों ने स्वीकार किया कि व्यापार असंतुलन को कम करना जरूरी है।
मोदी ने कहा कि कज़ान की उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच "विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" को और मजबूत करेगी। उन्होंने ब्रिक्स के विस्तार की सराहना करते हुए कहा कि नए सदस्यों के शामिल होने से इस संघ की समावेशिता और वैश्विक एजेंडा मजबूत हुआ है।
बैठक के दौरान मोदी ने यूक्रेन संकट का जल्द समाधान खोजने का आग्रह किया और इसके लिए भारत की ओर से हरसंभव सहायता देने की तत्परता भी जताई। उन्होंने कहा, "हम हमेशा मानते हैं कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण और संवाद के माध्यम से होना चाहिए, और हम शांति और स्थिरता के जल्द स्थापना का समर्थन करते हैं।"
पुतिन ने नई दिल्ली के कज़ान में वाणिज्य दूतावास खोलने के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि रूस में भारत की राजनयिक उपस्थिति को और बढ़ाने से दोनों देशों के संबंधों को नया आयाम मिलेगा। मोदी ने रूस में दो नए भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की ? एक कज़ान और दूसरा एकातेरिनबर्ग में। इस कदम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार और जनसंपर्क को और प्रगाढ़ करना है।
मोदी की यात्रा से पहले, भारतीय समुदाय के सैकड़ों सदस्य उनका गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए कज़ान में इकट्ठे हुए थे। यह तीन महीनों में मोदी की रूस की दूसरी यात्रा है। जुलाई में मॉस्को की यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने ऊर्जा व्यापार, रक्षा सहयोग और वैश्विक सुरक्षा चिंताओं सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का रुख यूक्रेन संघर्ष के संबंध में तटस्थ रहा है, और भारत ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूस के साथ अपने संबंध बनाए रखे हैं।