25 दिसंबर 2025। प्योंगयांग ने अपनी पहली लगभग तैयार न्यूक्लियर-पावर्ड स्ट्रैटेजिक मिसाइल सबमरीन की तस्वीरें सार्वजनिक की हैं। इन तस्वीरों में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन जहाज के निर्माण कार्य का निरीक्षण करते दिख रहे हैं।
कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी (KCNA) के मुताबिक, किम ने इस परियोजना को नौसेना के विकास में “युग बदलने वाला कदम” बताया। उन्होंने करीब 8,700 टन वजनी स्ट्रैटेजिक गाइडेड मिसाइल सबमरीन के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और DPRK नौसेना को न्यूक्लियर मिसाइलों से लैस करने की प्रक्रिया को और तेज करने का संकेत दिया।
किम जोंग उन ने कहा कि देश की हमलावर क्षमता को मजबूत करना जरूरी है, खासकर तब जब दक्षिण कोरिया अपनी खुद की न्यूक्लियर सबमरीन विकसित करने की योजना पर आगे बढ़ रहा है, जिसे अमेरिका की मंजूरी मिल चुकी है। उनका दावा था कि सियोल की यह योजना प्योंगयांग की सुरक्षा और समुद्री संप्रभुता के लिए सीधी चुनौती है।
उत्तर कोरियाई नेता ने चेतावनी दी कि अगर कोई DPRK की “रणनीतिक संप्रभुता” का उल्लंघन करता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, और किसी भी सैन्य विकल्प की कोशिश का जवाब “बेरहम पलटवार” से दिया जाएगा।
KCNA ने यह भी बताया कि किम को नए “पानी के नीचे के गुप्त हथियारों” से जुड़े रिसर्च और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी गई।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ा हुआ है। प्योंगयांग लगातार अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान पर आरोप लगाता रहा है कि वे संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं और क्षेत्र में “एशियाई नाटो” जैसा गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं सियोल और वाशिंगटन बार-बार कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण की बात दोहराते रहे हैं। अक्टूबर में दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने भी चीन से शांति प्रक्रिया में रचनात्मक भूमिका निभाने और परमाणु मुद्दे का ठोस समाधान निकालने की अपील की थी।
इसके बावजूद उत्तर कोरिया साफ कह चुका है कि उसकी परमाणु सशस्त्र सेनाएं संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए बनी रहेंगी। प्योंगयांग के मुताबिक, परमाणु निरस्त्रीकरण की उम्मीद सिर्फ एक “कोरी कल्पना” है।














