ट्रंप ने ट्रांसजेंडर अधिकारों और विविधता पहलों पर कसे शिकंजे, कार्यकारी आदेश जारी

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 914

‘कट्टरपंथी लिंग विचारधारा मार्गदर्शन’ खत्म करने और विविधता पहलों की समीक्षा का निर्देश

21 जनवरी 2025। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन के पहले दिन दो कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए, जो ट्रांसजेंडर अधिकारों और विविधता, समानता, और समावेशन (DEI) कार्यक्रमों को कमजोर करते हैं। ये आदेश जो बिडेन प्रशासन के दौरान लागू नीतियों को पलटने का प्रयास करते हैं।

पहले आदेश का शीर्षक है “लिंग विचारधारा के चरमपंथ से महिलाओं की रक्षा करना और संघीय सरकार में जैविक सत्य बहाल करना।” इसमें संघीय एजेंसियों को लिंग पहचान के आधार पर सुरक्षा नीतियों को समाप्त करने और आधिकारिक दस्तावेजों, जैसे पासपोर्ट और वीजा, में केवल दो लिंग – पुरुष और महिला – को मान्यता देने का निर्देश दिया गया है। आदेश में जेलों में लिंग परिवर्तन सेवाओं के लिए करदाताओं की धनराशि का उपयोग भी प्रतिबंधित किया गया है।



आदेश में दावा किया गया है, “सेक्स की जैविक वास्तविकता को मिटाने का प्रयास महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और कल्याण पर हमला करता है और यह पूरे अमेरिकी सिस्टम की वैधता को कमजोर करता है।”

दूसरे आदेश ने बिडेन प्रशासन की 2021 की नीति को पलट दिया है, जिसमें संघीय एजेंसियों को उन नीतियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया था जो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती थीं। इसके बजाय, ट्रंप के नए आदेश ने DEI पहलों की समीक्षा का आह्वान किया है, जिन्हें उन्होंने भेदभावपूर्ण बताया। इस समीक्षा के तहत पर्यावरण न्याय अनुदान, विविधता प्रशिक्षण, और अन्य समान कार्यक्रम समाप्त किए जा सकते हैं।

नागरिक अधिकार समूहों की तीखी प्रतिक्रिया
इन आदेशों ने नागरिक अधिकार संगठनों की कड़ी आलोचना को जन्म दिया। मानवाधिकार अभियान की अध्यक्ष केली रॉबिन्सन ने कहा, “हम इन हानिकारक प्रावधानों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे।” एशियन अमेरिकन्स एडवांसिंग जस्टिस जैसे संगठनों ने भी इन बदलावों की निंदा करते हुए कमजोर समुदायों की सुरक्षा और भेदभाव के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।

व्यावसायिक क्षेत्र में भी विविधता पहलों पर असर
राष्ट्रीय स्तर पर, DEI कार्यक्रमों को लेकर बहस तेज हो गई है। जहां कॉस्टको और एप्पल जैसी कंपनियां अपनी विविधता नीतियों के प्रति प्रतिबद्ध हैं, वहीं मेटा, मैकडॉनल्ड्स और वॉलमार्ट जैसे अन्य कॉरपोरेट्स ने इन्हें सीमित कर दिया है। मेटा ने हाल ही में अपने DEI विभाग को समाप्त कर दिया, जबकि मैकडॉनल्ड्स और वॉलमार्ट ने अपने विविधता लक्ष्यों को घटाने की योजना बनाई है।

ट्रंप प्रशासन ने इन नीतिगत बदलावों को “जैविक सत्य बहाल करने” और सरकारी पहलों में कथित पूर्वाग्रह को दूर करने का प्रयास बताया है। दूसरी ओर, अधिकार संगठनों ने इन आदेशों को अदालत में चुनौती देने और सार्वजनिक वकालत के माध्यम से विरोध जारी रखने का संकल्प लिया है।

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