
3 मई 2025। अमेरिका ने अपने सबसे करीबी खुफिया साझेदार समूह "फाइव आइज़" (Five Eyes) के देशों के साथ अब अपनी "सबसे संवेदनशील अंतरिक्ष खुफिया जानकारी" साझा करना शुरू कर दिया है। इसमें चीन और रूस की अंतरिक्ष गतिविधियों से जुड़ी जानकारियाँ शामिल हैं। यह खुलासा ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अख़बार The Times की एक रिपोर्ट में किया गया है।
? Space Delta 9 का मिशन अब वैश्विक साझेदारी की ओर
अब तक अमेरिकी वायु सेना की अत्याधुनिक अंतरिक्ष इकाई Space Delta 9 की गतिविधियाँ सिर्फ अमेरिका के उच्चतम सुरक्षा क्लियरेंस वाले अधिकारियों तक सीमित थीं। लेकिन अब इस यूनिट के संचालन को ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों को भी दिखाया गया है।
इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा को भी अमेरिका की शीर्ष-स्तरीय अंतरिक्ष खुफिया तक पहुंच प्रदान की गई है।
? चीन और रूस के ‘दोहरी उपयोग’ वाले उपग्रहों से खतरा
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को आशंका है कि चीन और रूस ऐसे उपग्रह विकसित कर रहे हैं जिनका नागरिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों में उपयोग किया जा सकता है। अमेरिका का कहना है कि ये देश अंतरिक्ष में ऐसे उपकरण तैयार कर रहे हैं जो संभावित रूप से जासूसी या आक्रामक गतिविधियों के लिए भी प्रयोग किए जा सकते हैं।
?️ अंतरिक्ष युद्ध की तैयारी
Space Delta 9 के कमांडर कर्नल रैम्से हॉर्न ने The Times से कहा:
“हमें उस लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा, जिसे कोई नहीं चाहता।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी यूनिट अब पहले से कहीं अधिक अंतरिक्ष युद्ध के लिए तैयार है।
⚠️ चीन और रूस ने खारिज किए अमेरिका के आरोप
अमेरिकी रक्षा विभाग ने चीन पर एंटी-सैटेलाइट हथियारों का भंडार तैयार करने का आरोप लगाया है। वहीं अमेरिका का मानना है कि रूस के पास भी गुप्त और संभावित परमाणु क्षमता वाले अंतरिक्ष हथियार हो सकते हैं। लेकिन दोनों देशों ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि अमेरिका खुद अंतरिक्ष का सैन्यीकरण कर रहा है, और यही वैश्विक स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
? शांतिपूर्ण अंतरिक्ष के पक्षधर हैं रूस और चीन
रूस और चीन दोनों ने संयुक्त रूप से कई बार यह मांग की है कि अंतरिक्ष को सैन्य हथियारों से मुक्त रखा जाए और इसका उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाए।