
2 अक्टूबर 2025। अमेरिकी एनर्जी डिपार्टमेंट के ताज़ा आंकड़ों से पता चला है कि आयात पर लगे प्रतिबंधों के बावजूद रूस, अमेरिका को यूरेनियम ईंधन का सबसे बड़ा सप्लायर बना हुआ है।
एजेंसी की वार्षिक यूरेनियम मार्केटिंग रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में अमेरिकी कमर्शियल न्यूक्लियर रिएक्टरों के लिए खरीदे गए समृद्ध यूरेनियम का 20% रूस से आया। इसके बाद फ्रांस ने 18%, नीदरलैंड्स ने 15%, ब्रिटेन ने 9% और जर्मनी ने 7% आपूर्ति की। अमेरिका ने खुद भी 19% उत्पादन किया।
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2024 में 'रशियन यूरेनियम इंपोर्ट बैन एक्ट' पर हस्ताक्षर किए थे, जो अगस्त से लागू हुआ। जवाबी कदम के तौर पर रूस ने नवंबर में अमेरिका को आपूर्ति पर अस्थायी रोक लगाई। हालांकि इस कानून में 2028 तक छूट का प्रावधान है, जिसके तहत रणनीतिक रूप से ज़रूरी आपूर्ति रूस से जारी रह सकती है। इसी आधार पर अमेरिका की सबसे बड़ी न्यूक्लियर कंपनी Constellation Energy Corp और Centrus Energy Corp को छूट दी गई।
बाइडेन प्रशासन ने घरेलू यूरेनियम एनरिचमेंट क्षमता बढ़ाने के लिए फंड भी जारी किया था, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि गैर-रूसी सप्लाई चेन बनाने में अभी समय लगेगा।
इसी बीच, डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद वाशिंगटन और मॉस्को ने व्यापारिक संबंधों को सामान्य करने पर सीधी बातचीत फिर से शुरू की है।
रूसी परमाणु कंपनी Rosatom का कहना है कि वह आज भी दुनिया की सबसे बड़ी न्यूक्लियर फ्यूल निर्माता है। कंपनी के फर्स्ट डिप्टी डायरेक्टर जनरल किरिल कोमारोव ने कहा, “यूरेनियम एनरिचमेंट में हम दुनिया में शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं।”