
15 सितंबर 2025। अमेरिका के साथ नई व्यापार वार्ता से ठीक पहले चीन ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र को निशाने पर लिया है। बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि अमेरिकी चिप कंपनियों के खिलाफ दो अलग-अलग जाँचें शुरू की गई हैं। यह कदम स्पेन में होने वाली चार दिवसीय द्विपक्षीय वार्ता से एक दिन पहले आया है।
वॉशिंगटन लंबे समय से चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी और जबरन तकनीक हस्तांतरण का आरोप लगाता रहा है। दूसरी ओर, बीजिंग अमेरिकी निर्यात नियंत्रणों को “राजनीतिक हथकंडा” बताते हुए चेतावनी देता है कि ऐसे उपाय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
नई जाँचों में पहली जांच डंपिंग-रोधी है, जो अमेरिका से आयातित एनालॉग इंटीग्रेटेड सर्किट चिप्स पर केंद्रित है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें खास तौर पर कमोडिटी इंटरफेस आईसी और गेट ड्राइवर आईसी चिप्स शामिल हैं, जिनका उत्पादन अमेरिकी कंपनियाँ टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स और ओएन सेमीकंडक्टर करती हैं।
दूसरी जांच “भेदभाव-विरोधी” है, जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिकी नीतियाँ चीन के चिप उद्योग को अनुचित तरीके से निशाना बनाती हैं। मंत्रालय ने कहा, “एकीकृत सर्किट क्षेत्र में कुछ अमेरिकी उपाय स्पष्ट रूप से चीन के खिलाफ भेदभावपूर्ण प्रतिबंध और पाबंदियाँ हैं।”
यह घोषणा ऐसे समय आई है जब अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने 32 विदेशी कंपनियों को अपनी व्यापार काली सूची में डाला है, जिनमें 23 चीन में स्थित हैं। इनमें दो कंपनियाँ भी शामिल हैं, जिन पर चीन के प्रमुख सेमीकंडक्टर निर्माता SMIC के लिए चिप्स बनाने हेतु अमेरिकी उपकरण खरीदने का आरोप है।
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में कैलिफोर्निया की कंपनी एनवीडिया को चीन के लिए विशेष एआई चिप्स बेचने की अनुमति दे दी थी। पहले इन चिप्स पर प्रतिबंध था ताकि चीन की उन्नत कंप्यूटिंग तक पहुँच सीमित की जा सके। इस फैसले की अमेरिका के अंदर आलोचना हुई थी, आलोचकों का कहना था कि इससे रणनीतिक तकनीकों में अमेरिकी बढ़त को खतरा हो सकता है।